सारठ/संवाददाता। सारठ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम में सोमवार को प्रधानमंत्री भारत टीबी मुक्त अभियान के तहत अतिरिक्त पोषाहार के लिए सारठ के चिकित्सा प्रभारी डॉ. जियाउल हक, डॉ. प्रज्ञा भगवती एवं लिपिक पवन झा ने तीन-तीन टीबी मरीजों को गोद लिया।ऐन मौके पर डॉ. जियाउल हक ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान को उच्च प्राथमिकता देकर इस अभियान केा जन-आंदोलन बनाकर इस रोग से लोगों को मुक्त रखने का हम सभी स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका अहम होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता लाना है कि इस बीमारी की रोकथाम आसान है तथा सरकार द्वारा इस रोग की रोकथाम के लिए उचित उपचार नि:शुल्क प्रदान की जाती है।लोेग इस बीमारी को हीन भावना से देखते हैं, आज उनके इस भ्रम को दूर करने पर बल दिया गया कि टीबी के कीटाणु हर व्यक्ति के शराीर में मौजूद होते है।किसी कारणवश जब किसी व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधी क्षमता कम हो जाती है तो व्यक्ति में यह रोेग दिखता है और इलाज से इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है।ये बात लोगों तक पहुॅचानी होगी, तभी टीबी से प्रभावित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। वहीं देवघर से आये जिला कार्यक्रम समन्वयक कुमार मृगेन्द्र ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों को सारठ क्षेत्र से गोद लेने की भी अपील की गई ताकि 2025 तक सारठ सीएचसी क्षेत्र से टीबी रोग से ग्रसित लोगों को मुक्त करने के साथ-साथ मरीजों की जहॉ तक हो पोषण के लिए मदद करने की जरूरत है।इस कार्यक्रम में डीपीएम निरज भगत, बीपीएम सरोज सिंह, एसटीएस दिवाकर तिवारी, एसटीएलएस प्रगति कुमारी, सीएचएआई से प्रशान्त राव और संजय कुमार समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।
झारखंड बंगाली समिति ने कविगुरू रवींद्रनाथ टैगोर की 162वीं जयंती मनायी
मधुपुर/संवाददाता। शहर के मीना बाजार मोहल्ला स्थित निजी आवास पर मंगलवार को झारखंड बंगाली समिति ने कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर की 162वीं जयंती मनायी। मौके पर संगठन के पुरुष व महिला सदस्यों ने बारी-बारी से कविगुरु की तस्वीर पर पुष्प तथा माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर की लिखी हुई गीत आनंदो लोके मोंगोलालोके को उपस्थित सभी लोगों ने मिलकर गाए।
मौके पर माया गांगुली ने कहा कि रवीन्द्रनाथ टैगोर जयंती लोगों के लिए भारत की सबसे प्रसिद्ध शख्सियतों ंंमें से एक है। उनके जीवन और कार्यो को याद करने, साहित्य, संगीत और कला मे उनके योगदान की सराहना करने का एक महत्वपूर्ण दिन है। लखी रानी दास ने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के कई काव्य संग्रहों की रचना की जानकारी दी। कहा गुरुदेव दो हजार से अधिक गीत लिखे। कई पेंटिंग बनाए।उनकी कृतियों को लोग संजोए रखा है। सुष्मिता चक्रवर्ती कही कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर ने आठ साल के उम्र में ही पहली कविता लिखी, 1912 मे गीतांजलि का प्रकाशन हुआ था। 1913 मे इसके लिए उन्हे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रदीप भादुड़ी ने कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर के काव्य के जानकारी देते कहा की उन्होने मानवतावाद से दुनिया भर में पहचान दिलाई। दुनिया के तमाम भाषाओं में आज भी टैगोर की रचनाओं को पसंद किया जाता है। मिनटू घोष ने कहा रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविताओं में उनकी रचनात्मक प्रतीभा सबसे मुखर हुई है। उनकी कविताओं में नदी और बादल की अठखेलिया से लेकर आध्यात्मवाद तक के विभिन्न विषयों को बखूबी उकेरा गया है। इस अवसर पर बच्चों ने नृत्य के माध्यम से गुरुदेव को श्रद्धासुमन अर्पित किया। कार्यक्रम में साधना मुखर्जी, छवि बोस, माया गांगुली, अनिता बनर्जी, टुम्पा बनर्जी, सम्पा तालुकदार, मिठु दत्ता, शान्ति रंजन मुखर्जी, अमुल्य दे,ननीगोपाल दास,नन्दिनी दास,समपा चक्रवर्ती, सोमा दत्ता, डैली बोस, जिज्ञासा चक्रवर्ती, अनन्या बनर्जी, सुष्मिता चक्रवर्ती के साथ अन्य लोग भी उपस्थित थे ।
कैजुअल मजदूरों ने जलावन कोयले की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
- एक घंटे तक कोयला ढुलाई रहा ठप
चितरा/संवाददाता। एसपी माइंस चितरा कोलियरी स्थित गिरजा कोल डंप में कार्यरत कैजुअल मजदूरों ने जलावन कोयले की मांग की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए करीब एक घंटे तक कोल डंप में कोयला ढुलाई बाधित रहा। इसकी सूचना कोलियरी प्रबंधन को मिलने के बाद कोलियरी के सिक्योरिटी इंस्पेक्टर रूपेश मिश्रा, अनूप कुमार व सतीश अम्बष्ट गिरजा गेट पहुंचे और कैजुअल मजदूरों को समझा बुझाकर कोयला ढुलाई शुरू कराया। जानकारी के अनुसार कैजुअल मजदूरों ने एक टोकरी जलावन कोयला देने की मांग को लेकर गेट जाम किया था। गत सोमवार की शाम कोलियरी के कैजुअज मजदूरों ने गिरजा गेट के बाहर कोयला स्टॉक करके रखा था। उसे कोलियरी के महाप्रबंधक व अभिकर्ता ने सिक्योरिटी के द्वारा मजदूरों के कोयले को जब्त कर लिया गया था। इससे कैजुअल मजदूरों में आक्रोश व्याप्त हो गया था।