-हजारों की तादाद में शामिल हुए लोग
गोड्डा/संवाददाता। भारत सरकार बाल विवाह मुक्त भारत के आह्वान के समर्थन में गैर सरकारी संगठन साथी ने गोड्डा जिला में बाल विवाह के खिलाफ दो सौ गावों में जागरुकता व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन किया। जिसमें समाज के हर तबके के लोग शामिल हुए। इस दौरान मशाल जुलूस और कैंडल मार्च में बाल विवाह पीड़िताओं, महिलाओं, बच्चों व पुरुषों सहित हजारों लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली। जागरुकता प्रसार के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी की। इस दौरान पुरोहितों, मौलवियों, हलवाइयों, रसोइयों, सजावट, बैंड बाजा वालों व शादी का कार्ड छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों जैसे विवाह से जुड़े सभी हितधारकों ने शपथ ली कि वे बाल विवाह संपन्न कराने में किसी भी तरह से भागीदारी नहीं करेंगे और इसकी सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों को देंगे। साथी 250 से भी अधिक अग्रणी गैर सरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी है जो जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए काम कर रहा है। साथी ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझाकर अकेले 2023-24 में ही जिले में सैकड़ों बाल विवाह रुकवाए हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की ओर से शुरू किए गए बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का पुरजोर समर्थन करते हुए गैर सरकारी संगठन साथी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कालेश्वर मंडल निदेशक ने कहा यह अभियान हमारे विकसित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। देश की बच्चियों को शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाए बिना हम इस सपने को पूरा नहीं कर सकते और बाल विवाह इसमें सबसे बड़ी बाधा है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए सभी पक्षों को साथ लेकर चलने और बचाव-संरक्षण एवं अभियोजन नीति पर अमल के मंत्रालय के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का सहयोगी संगठन होने के नाते हम पहले से ही इस रणनीति पर काम करते आ रहे हैं। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हमने इस जिले में जो अभियान शुरू किया था, वह अब राष्ट्रव्यापी अभियान बन गया है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान का समर्थन करते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा, हमने जब यह अभियान शुरू किया था तो यह समस्या को उसकी जड़ से मिटाने के लिए बाल विवाह की ऊंची दर वाले राज्यों पर केंद्रित एक लक्षित प्रयास था। एक सुविचारित दृष्टि और रणनीति के साथ शुरू हुआ यह अभियान अब राष्ट्रव्यापी शक्ल ले चुका है और आज देश सदियों से देश में जड़ें जमाए बैठी इस कुप्रथा के खात्मे के लिए एकजुट है। जिसने भी भारत की बेटियों की पुकार सुनी, उनकी आवाज उठाई और बाल विवाह मुक्त भविष्य के सपने की ओर बढ़ने में मदद की, हम उन सभी को धन्यवाद देते हैं। कार्यक्रम में मौजूद एक बाल विवाह पीड़िता विनीता टुडू ने इस अपराध के खात्मे के लिए सरकार के संकल्प पर संतोष जताते हुए कहा कि बाल विवाह बहुत बड़ा कलंक है जिसका शिकार वह हुई है और वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पायी। इसी बीच मेरा एक बच्चा भी हो गया अब मैं केवल यही सपना देखता हूं कि मेरे जैसा किसी बहन को इस अपराध का सामना नहीं करना पड़े और मैं कही भी बाल विवाह कि घटना देखूंगी तो उसका पूरा विरोध करेंगे। बाल विवाह के खिलाफ यह सामूहिक लामबंदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत के आह्वान के समर्थन में हुई जिसकी शुरूआत 27 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने की थी। इस दौरान उन्होंने पंचायतों और स्कूलों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई और उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही शपथ लेने वालों की संख्या 25 करोड़ तक पहुंच जाएगी। गोड्डा जिला में इस कार्यक्रम के सफल संचालन में जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, समाज कल्याण विभाग और साथी संस्था के कार्यकर्ता काफी मेहनत कर रहे हैं।
बालकों को सभी स्तर पर सुरक्षा पाने का अधिकार : सचिव
-लीगल सर्विस यूनिट फार चिल्ड्रन कमेटी का प्रशिक्षण शिविर संपन्न
गोड्डा/संवाददाता। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से व्यवहार न्यायालय के लाइब्रेरी सभागार में लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रेन कमेटी सदस्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला गुरुवार को संपन्न हो गया। प्रशिक्षण के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि बालकों को किसी भी तरह का पक्षपातपूर्ण व्यवहार नहीं किया जाएगा। बालकों को सभी स्तरों पर सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। उसे हानि, शोषण, उपेक्षा आदि से निजात दिलाने की जरुरत है। किसी बालक की गोपनीयता विधिक सेवा संस्थानों के समस्त स्तरों पर सुनिश्चित की जाएगी। कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य बच्चों तक पहुंचाने के लिए मूल अधिकारों एवं लाभों की रूपरेखा बनाने, बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण और सभी स्तरों पर बच्चों के कानूनी झगड़ों के लिए विधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कराने, किशोर न्याय प्रणाली में बच्चों को महत्व देने, प्रोत्साहित करने व अधिकारों को सम्मान देने से संबंधित माहौल तैयार करना है। कहा कि बाल विवाह, बाल तस्करी, बाल मजदूरी पर लगाम लगाने की दिशा में जागरुकता अभियान चलाने सहित जरुरमंद बच्चों के संबंध में डालसा या चाइल्ड लाइन, बाल कल्याण समिति, बाल संरक्षण विभाग तक जानकारी पहुंचाने की जरुरत है ताकि उन्हें समुचित अधिकार प्राप्त हो सके। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विनय कुमार चौधरी ने कहा कि अनाथ व नवजात, जबरन बाल श्रम कर रहे जरुरतमंद बच्चे की सूचना 1098 पर या संबंधित बाल मित्र थाना में दें ताकि उन बच्चों को तत्काल संरक्षण में लेकर उचित कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा बच्चों को गोद लेने, आर्थिक संरक्षण एवं पालन-पोषण, बचपन बचाओ आंदोलन आदि की जानकारी दी गई। वहीं एलएडीसी व पैनल अधिवक्ताओं ने भी इससे संबंधित जानकारी दी। इस अवसर पर एलएडीसी रीतेश कुमार सिंह, पैनल अधिवक्ता केशरी कुमार मिश्र, आशीष कुमार, अम्बोद ठाकुर, शोभाकांत ठाकुर, रविन्द्र कुमार झा, अधिकार मित्रों में नवीन कुमार झा, रूबी कुमारी, सपना कुमारी, मधुप्रिया, रंजू कुमारी, अजय टुडू, चंपा कुमारी, अंजना देवी, सुशील कुमार साह, पूजा कुमारी आदि उपस्थित थे।
बुजुर्गों और बंदियों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराये विभाग : डालसा
-डालसा सचिव ने किया वृद्धाश्रम और मंडल कारा का निरीक्षण
गोड्डा/संवाददाता। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार ने गुरुवार को वृद्धाश्रम और मंडल कारा का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सरकार व प्राधिकरण की ओर से मुहैया की जाने वाली सभी प्रकार की सुविधाओं की पड़ताल की। जांच टीम सबसे पहले मूलर्स टैंक के बगल स्थित वृद्धाश्रम पहुंची। जहां आश्रम में रहने वाले वृद्धों को मिलने वाली सुविधाओं समेत सफाई, स्वास्थ्य व भवन की स्थिति का जायजा लिया गया। इसके बाद टीम मंडल कारा पहुंची। वहां प्रत्येक वार्ड के बंदियों को मिलने वाली सुविधाओं, मुकदमा की स्थिति व विधिक सहायता के संबंध में पड़ताल की। इस संबंध में एलएडीसी सह न्याय रक्षक को कई निर्देश दिए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव डॉ. प्रंदीप कुमार ने बताया कि बुजुर्गों और बंदियों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराना विभाग की जिम्मेवारी है। झालसा के निर्देश पर दोनों स्थानों का निरीक्षण किया गया। इसमें बंदियों को जेल से मिलने वाली आधारभूत सुविधाएं, विधिक सहायता की स्थिति की जानकारी ली गई। वहीं वृद्धाश्रम में रहने वालों के लिए समुचित संसाधनों की जानकारी ली गई। इसकी रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग व झालसा को भेजी जाएगी जो भी उचित व्यवस्था हो उसे उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की जाएगी। इस दौरान प्रभारी जेलर प्रियरंजन कुमार, एलएडीसी सह न्याय रक्षक रीतेश कुमार सिंह, अधिकार मित्र नवीन कुमार उपस्थित थे।
एक दिवसीय पहाड़िया आदिम जनजाति सदस्यों के साथ सामुदायिक बैठक का आयोजन
गोड्डा/संवाददाता। स्वयंसेवी संस्था ‘पैरवी’ नई दिल्ली गुरुवार को एक दिवसीय पहाड़िया आदिम जनजाति सदस्यों के साथ सामुदायिक बैठक का आयोजन ग्राम-कोसीगोडा, प्रखंड लिट्टीपाड़ा में किया गया। बैठक में कोसीगोंडा, लिट्टीपहाड़, दानकुड़िया, छोटा घघरा के कुल 30 महिला-पुरुष सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में पहाड़िया जन जातीय समुदाय को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक सशक्तीकरण के बारे में सदस्यों के साथ चर्चा की। इस समाज के वंचित सदस्यों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने एवं सरकारी योजनाओं से जुड़ाव के लिए योजनाबद्ध तरीके से जुड़ाव के लिए बड़े पैमाने पर कार्य करने की आवश्यकता पर चर्चा की गई। उपस्थित सदस्यों ने गांव में होने वाले समस्यओं पर अपनी-अपनी बात को रखा और सरकारी योजनाओं से जुड़ाव से मिलकर कार्य योजना का निर्माण किया। बैठक में विशेष कर युवा सदस्यों को अपने जन समुदाय को आगे लाने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक, बेव राजनीति रूप के संस्था पैरवी की ओर से सशक्तीकरण करने का कार्य नियमित अंतराल पर किया जाना है, जिससे पहाड़िया आदिम जनजाति सदस्यों को मुख्य धारा में जोड़ा जा सके। बैठक में विशेष कर सरकारी योजनाएं जैसे वन अधिकार कानून 2006, जनजातियों के अधिकार, पहाड़िया आदिम जनजाति पेंशन योजना, आयुष्मान कार्ड (स्वास्थ बीमा) डाकिया योजना, मनरेगा योजना की प्रक्रिया एवं ग्रामसभा के महत्व पर प्रकाश डाला। बैठक को सफल बनाने में पैरवी संस्थान के दीनबन्धू वत्स, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष दुबे, जितेंद्र दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता, सामुयल मालतो, सोशल वर्कर एवं कृष्णा, मास्टर ट्रेनर झारखंड पंचायतीराज एवं सामाजिक कार्यकर्ता की विशेष भूमिका रही।
कॉलेज कर्मियों ने मांगों को लेकर महाविद्यालय में जड़ा ताला
गोड्डा/संवाददाता। गोड्डा कॉलेज के शिक्षकेत्तर कर्मियों ने बकाये 7वें वेतनमान, एमएसीपी व एरियर आदि की मांग को लेकर कॉलेज में तालाबंदी करके धरना-प्रदर्शन किया। आंदोलन कर रहे कर्मियों ने प्रिंसिपल कक्ष में भी ताला जड़ दिया। ताला जड़कर कर्मी प्रिंसिपल कक्ष के सामने ही धरना पर बैठ गये। संघ के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि मांगों को लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर भी 26 नवंबर को वीसी कक्ष में तालाबंदी की गयी। महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के कर्मियों ने संयुक्त रूप से विवि के चेंबर में मांगों को लेकर तालाबंदी कर दी। अब कॉलेज स्तर पर आंदोलन छेड़ दिया गया है। सभी कर्मी 26 नवंबर से ही हड़ताल पर चले गये हैं। अब जब तक कर्मियों की मांग पूरी नहीं कर दी जाती है, तब तक काम पर लौटने की गुंजाइश नहीं है। बताया कि हालांकि छात्रों के भविष्य से कोई खिलवाड़ नहीं किया गया है। पूर्व निर्धारित परीक्षा आदि को छोड़ कर तालाबंदी की गयी है, ताकि छात्रों का भविष्य बर्बाद नहीं हो सके। बताया कि अभी आठ दिसंबर तक कॉलेज में परीक्षा की तिथि निर्धारित है। इसके बाद नौ दिसंबर से पूरे कॉलेज में तालाबंदी कर दी जाएगी, शैक्षणिक कार्य पूर्णत: बंद कर दिया जाएगा। बताया कि बंदी कर हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए किया जाएगा। इस दौरान शिक्षकेत्तर कर्मियों में अध्यक्ष मनोज कुमार झा, उपाध्यक्ष बम बहादुर ओझा, सचिव राजेश कुमार, उप सचिव वरुण कुमार तिवारी, कोषाध्यक्ष एजाजुल हसन आदि उपस्थित थे।