पल्स पोलियो अभियान व एलसीडीसी पर हुई चर्चा
पालोजोरी/संवाददाता। बीडीओ शिवाजी भगत की अध्यक्षता में शुक्रवार को सीएचसी में ब्लॉक लेवल टास्क फोर्स की बैठक हुई। बैठक में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. लियाकत, सीडीपीओ कुमारी ऋतु, डब्लूएचओ के नरेन्द्र नाथ आदि मौजूद थे। बैठक में 2 जुलाई से शुरू होने वाले पल्स पोलियो अभियान व 15 जून से कुष्ठ रोगियों की पहचान से संबंधित अभियान पर चर्चा हुई। पल्स पोलियो अभियान में पालोजोरी प्रखण्ड में 30 हजार से ज्यादा बच्चों का लक्ष्य रखा गया है। 122 बूथ व 21 पर्यवेक्षक अभियान में काम करेंगे। वर्तमान में 28 कुष्ठ रोगियों की पहचान पालोजोरी से होने की बात कही गई। अभियान में सहिया के माध्यम से क्षेत्र से कुष्ठ रोगियों की पहचान की जाएगी, जिसे सीएचसी में जांच के बाद संपुष्ट किया जाएगा व चिकित्सा से जोड़ा जाएगा। बीडीओ ने कहा कि अभियान में काम करने वाले कर्मियों को प्रावधान के अनुसार समय पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया जाए। मौके पर आयुष चिकित्सक स्मिता पुष्पांजलि, डॉ0 सविता साहा, एलएस रेखा देवी, अंजनी देवी, रोहित कुमार, गिरीश यादव, मंजू कुमारी, नमिता कुमारी आदि मौजूद थे।
पुण्यतिथि पर याद किये गये वीर बिरसा
- बिरसा के आंदोलन से ही छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट अस्तित्व में आया : घनश्याम
मधुपुर/संवाददाता। स्थानीय बावनबीघा स्थित संवाद परिसर में शुक्रवार को धरती आबा बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि मनाई गई। मौके पर कार्यकर्ताओं ने बिरसा की तस्वीर को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया। इस अवसर पर समाजकर्मी घनश्याम ने कहा कि नौ जून, सुबह नौ बजे वर्ष 1900 रांची जेल में बिरसा की सांसें उखड़ गई थीं। बिरसा के शव को कोठरी से बाहर लाया गया। बिरसा के निधन की सूचना पर जेल में हंगामा होने लगा। जेल में बंद बिरसा के सभी अनुयायियों को बुलाया गया कि वे शव की पहचान कर लें, लेकिन डर से कोई भी नहीं आया। रांची जेल अधीक्षक ने नौ जून की शाम पांच बजे अंत्य परीक्षण किया और कोकर स्थित डिस्टिलरी पुल के पास रात में उनका अंतिम संस्कार जेल प्रशासन ने कर दिया। 25 साल की उम्र में बिरसा नश्वर दुनिया को छोड़ गए। इसके साथ छोड़ गए एक प्रखर आंदोलन। इस आंदोलन का ही परिणाम था कि 1908 में छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट अस्तित्व में आया।
तीन फरवरी 1900 को बिरसा मुंडा गिरफ्तार कर लिए गए थे। पुलिस उनके अनुयायियों की धर पकड़ कर रही थी। जब वह जेल में बंद थे। उस समय उनके चार सौ अनुयायी बंद थे। 20 मई 1900 को पहली बार तबीयत खराब हुई। इसके बाद धीरे-धीरे खराब होती गई। बीच में कुछ सुधार हुआ लेकिन अंतत: मौत गले पड़ गई। उनके अनुयायियों के अनुसार की साजिश के तहत हत्या की गई। बिरसा मुंडा के आंदोलन से अंग्रेजी सरकार त्रस्त हो गई थी। तरह-तरह इनाम और प्रलोभन से वह इस आंदोलन को कुचल देना चाहती थी। इनाम के लोभ में ही बिरसा मुंडा को पकड़वा दिया गया। बिरसा के बलिदान से एक आंदोलन और एक युग का अंत हो गया। अपनी छोटी सी उम्र में बिरसा मुंडा बड़े काम कर गए। अपने आंदोलन को एक धार देने के लिए अलग पंथ चलाया-बिरसाइत पंथ। वह अपने समाज के भीतर सुधार भी चाहते थे। एक गीत में कहा गया है-बिरसा का आदेश है कि हड़िया और शराब न पियो…इससे हमारी जमीन हमने छिन जाती है। भात से बनी हड़ियां महकती है…शरीर और जीवन क्षीण करती है। तुम्हारा परिवार भूख से तड़पता है, तुम्हारे बच्चे रो-रोकर जान देते हैं। पर, क्या 123 साल बाद भी आदिवासी समाज हड़िया से मुक्त हो पाया है? आज भी जमीन हड़िया और शराब लील जा रही है। बिरसा मुंडा अपने समाज की कमजोरियों को दूर करना चाहते थे। बिरसाइत पंथ इसीलिए चलाया पर आज आदिवासी समाज खुद बिरसा के विचारों से दूर होता जा रहा है। मौके पर पंकज, सीमांत, विनोद, ललिता, साल्गे मार्डी, धर्मेंद्र, सुभाष, अनूप, जावेद, एनी टुडू, मती, सीमा, विजय, महानंद, लाइन समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
बेहोश महिला रेल यात्री को आरपीएफ ने कराया इलाज
मधुपुर/संवाददाता। मोकामा-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रही 55 वर्षीय महिला को बेहोशी की हालत में ऑन ड्यूटी आरपीएफ ने सूचना पर मधुपुर में उतारा।
तत्काल रेलवे अस्पताल के चिकित्सकों की टीम द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद बीमार महिला की हालत में थोड़ी बहुत सुधार हुआ हैं। चिकित्सकों के अनुसार महिला किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थी। घटना के बाबत बताया जाता है की महिला सुनैना तिवारी पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिला अंतर्गत फैदपुर थाना क्षेत्र के उखड़ा निवासी महिला अपने तीन अन्य परिजनों के साथ अंडाल जाने के लिए जसीडीह मंे ट्रेन पर सवार हुई थी। जसीडीह से ट्रेन खुलने के बाद उसके अचानक तबीयत बिगड़ी और वह बेहोश हो गई। इसकी सूचना कंट्रोल को दिया। वहां से सूचना पर ऑन ड्यूटी आरपीएफ एएसआई शौकत कमाल व आरक्षी हर्षवर्धन ने महिला को उतारकर चिकित्सकीय सहायता के बाद उसे अन्य ट्रेन से गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया।
इस प्रकार आरपीएफ की तत्परता से एक बीमार महिला की जान बची।
कोर्ट परिसर से उच्चकों ने उड़ायी बाइक
मधुपुर/संवाददाता। शहर के लखना मोहल्ला निवासी मोहम्मद नौशाद की बाइक गुरुवार की दोपहर कोर्ट परिसर से चोरी हो गई। घटना की शिकायत बाइक मालिक ने पुलिस को देते हुए बताया गुरुवार की दोपहर 11:30 बजे वह न्यायालय कार्य से सिविल कोर्ट आए थे। वह अपनी बाइक नम्बर जेएच 11 इ 4481 कोर्ट परिसर के बाहर खड़ी कर न्यायालय कार्य से गये थे। कार्य समाप्त कर कुछ देर बाद बाहर बाइक के पास आया तो देखा बाइक नहीं थी। काफी खोजबीन किया लेकिन बाइक का कही पता नहीं चला। अंत मे पुलिस को सूचना दी गयी। शिकायत पर पुलिस अज्ञात चोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर घटना की जांच कर रही है।