- गरीब जनजातीय समूहों को पक्का मकान देना सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम
पात्रता के लिए दो शर्तें : पक्का मकान और सरकारी सेवा में न हो कोई सदस्य
पटना। संवाददाता। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के 1308 परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
श्री चौधरी ने कहा कि यह योजना डबल इंजन सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसके अंतर्गत कमजोर समुदायों को सामाजिक-आर्थिक न्याय दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से 29 अप्रैल 2025 को जारी पत्र के माध्यम से बिहार राज्य को इस योजना में शामिल किया गया है।
श्री चौधरी ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग ने राज्य के 10 जिलों में बांका, कैमूर (भभुआ), भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, नवादा, पूर्णिया एवं सुपौल में असुर, बिरहोर, बिरजिया, हिलखरिया, कोरवा, मालपहाड़िया, परहइया, सौरियापहाड़िया एवं सावर जनजाति के परिवारों को चिन्हित किया है, जो इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होंगे।
उपमुख्यमंत्री श्री चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत जहां अब तक लाभुकों को 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि तीन किस्तों में मिलती थी, वहीं इस योजना के अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए यह राशि बढ़ाकर 2.00 लाख रुपये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की सहायता राशि का भुगतान चार बराबर किस्तों में किया जाएगा। प्रथम किस्त 50,000 रुपये की होगी जो आवास की स्वीकृति के बाद दी जाएगी। द्वितीय किस्त 50,000 रुपये की होगी जो भूतल सतह (प्लिंथ) तक निर्माण कार्य पूर्ण होने पर दिया जाएगा। तृतीय किस्त 50,000 रुपये की होगी जो लिंटर तक कार्य पूरा होने पर दी जाएगी और अंतिम चौथी किस्त 50,000 रुपये की होगी, जो छत स्तर से ऊपर फिनिशिंग कार्य पूरा होने के बाद दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के पात्रों की पहचान के उपरांत योग्य परिवारों को “आवास” सॉफ्ट पोर्टल पर निबंधित किया जाएगा। इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार की वित्तीय भागीदारी प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की तर्ज पर 60:40 के अनुपात में निर्धारित की गई है।
श्री चौधरी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि योजना का क्रियान्वयन पूर्ण पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ सुनिश्चित किया जाए, ताकि कोई भी पात्र परिवार इस अधिकार से वंचित न रह जाए।
संत कबीर के प्राकट्य दिवस पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने किया भावांजलि अर्पित
पटना। संवाददाता। रहस्यवादी कवि, समाज सुधारक और कबीर पंथ के संस्थापक संत कबीर जी के प्राकट्य दिवस पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नन्द किशोर यादव ने उन्हें कोटि कोटि नमन करते हुए भावभीनी भावांजलि अर्पित की है। अंधविश्वास, जातिवाद और पाखंड के खिलाफ आवाज उठाने वाले संत कबीर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में समान रूप से लोकप्रिय हैं। उनके “दोहे” बौद्धिक और आध्यात्मिक संदेशों के साथ साथ शांति, सद्भाव और सभी धर्मों के बीच सामंजस्य के सूत्र पिरोते हैं। उनकी कालजयी रचनाएं सिख धर्म ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब में भी सम्मिलित हैं। संत कबीर की अनुराग सागर, कबीर ग्रंथावली, बीजक व साखी ग्रंथ जैसी अमर कृतियां आध्यात्मिक, वैचारिक और सामाजिक समरसता की अलख जगाती हैं। उनके द्वारा स्थापित “कबीर पंथ” आज भी अपने अनुयायियों के बीच धार्मिक सहिष्णुता और सौहार्द की परंपरा को आगे बढ़ाने हेतु समर्पित है।
अब बिहार सरकार महिला कर्मियों को मुहैया कराएगी आवासन
- कैबिनेट की बैठक में 22 एजेंडों पर लगी मुहर
- महिला शिक्षकों को भी मिलेगा इसका लाभ
- बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 1989 के नियम में किया गया बदलाव
पटना। संवाददाता। बिहार सरकार अपने महिला सेवकों को पदस्थापन स्थल के निकट आवासन की सुविधा मुहैया कराने जा रही है। सरकारी महिला कर्मियों को उनके कार्यस्थल के आसपास लीज पर निजी आवासों को लेकर सरकार उन्हें मुहैया कराएगी। राज्य सरकार इस तरह की व्यवस्था पहली बार करने जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग के स्तर से तैयार इसके मसौदे पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें 22 एजेंडों पर मुहर लगी। इसमें लिए सभी मुद्दों के बारे में विस्तृत जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि महिला सरकारी सेवकों को इसका लाभ मिलेगा, उन्हें आवास भत्ता की सुविधा का लाभ नहीं दिया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इसका लाभ महिला शिक्षिकाओं, सिपाही के साथ अन्य महकमों में कार्यरत सभी सरकारी महिला कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा। शुरुआती स्तर पर यह सुविधा प्रमंडलीय और जिला मुख्यालय स्तर पर बहाल की जाएगी। भवन का चयन करने के लिए जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एक कमेटी बनाई जाएगी। अनुमंडल पदाधिकारी इस कमेटी के सदस्य सचिव के अलावा जिला के एसपी, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि एवं भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी किराए के लिए प्राप्त सभी आवेदनों या रूचि की अभिव्यक्ति का विश्लेषण करके समुचित जांच करेगी।
किराए के लिए इस तरह होगा भवन का चयन
इसके लिए इच्छुक मकान मालिक अपने संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) के पास आवेदन करेंगे। इसके आधार पर यह देखा जाएगा कि पदस्थापन स्थल के आसपास यह स्थल मौजूद है या नहीं। इस भवन में पानी, शौचालय, बिजली समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं या नहीं। तमाम पहलुओं की जांच करने के बाद निजी भवन का चयन लीज (पट्टा) के लिए किया जाएगा। इसके बाद सरकार के साथ एकरारनामा होगा। संबंधित महिला कर्मी से आवासन से संबंधित किसी तरह की असुविधा की शिकायत प्राप्त होने पर उसका निराकरण का दायित्व संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी की होगी।
बिहार जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 1999 के नियम-5 समेत अन्य धाराओं में संशोधन किया गया है। इसके बाद अब यह नियमावली बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025 कही जाएगी। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर विभिन्न डाटाबेस तैयार कर इसे अपडेट करने के साथ ही किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख और स्थान को साबित करने, किसी शैक्षणिक संस्थान में दाखिला लेने, चालान लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, पासपोर्ट जारी करने या किसी अन्य कार्य के लिए जन्म एवं मृत्यु के रजिस्ट्रीकरण कार्य का सरलीकरण कार्य का सरलीकरण, डिजिटाइजेशन कर कंप्यूटर के माध्यम से निर्धारित समयसीमा में जारी किया जाएगा।
राज्य की सभी पंचायतों में 8 हजार 93 निम्नवर्गीय लिपिकों की बहाली की जाएगी। पंचायत सरकार भवन या अन्य पंचायत स्तरीय कार्यालय में इन्हें पदस्थापित किया जाएगा। इनकी जिम्मेदारी पंचायत स्तरीय योजनाओं के क्रियान्वयन और इनका समुचित लेखन करने की होगी। इसके अलावा कृषि विभाग के नवसृजित कषि विपणन निदेशालय के लिए 14 पदों का सृजन किया गया है। इस निदेशालय की मदद से किसानों के उत्पाद में वैल्यू एडिशन या मूल्य संवर्द्धन करवाना समेत अन्य कार्य है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के चार पदों की स्वीकृति दी गई है। इसमें वरीय विमान चालक के दो, कन्सलटेंट एवं सिविल इंजीनियर के एक-एक पद शामिल हैं।
राज्य में गठित मेगा स्किल सेंटर से आगामी 5 वर्षों में 21 हजार 600 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य के युवाओं को बाजार मांग के अनुरूप अत्याधुनिक रोजगारपरक कौशल ज्ञान प्रदान करना इन मेगा स्किल सेंटरों का उदेश्य है। चयनित एजेंसी स्वतंत्र प्लेसमेंट सेल का गठन करेगी, जो प्रशिक्षित युवाओं को नियोजित करेगी। इस परियोजना की लागत 280 करोड़ 87 लाख रुपये है और इसकी अवधि 5 वर्ष की होगी।
बिहार नगर निगम क्षेत्र में विज्ञापन नियमावली (संशोधन), 2025 पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। इसके अंतर्गत नगरपालिका क्षेत्र में प्रदर्शित होने वाले सभी तरह के विज्ञापन की दर निर्धारित की गई है। सार्वजनिक स्थल पर किसी भी दीवार, वाहन, होर्डिंग, फ्रेम, भवन, जमीन या अन्य किसी स्थान पर प्रदर्शित किए जाने वाले विज्ञापनों पर अलग-अलग दर निर्धारित की गई है। इसके लिए नगर निकायों में 5 कलस्टर बनाते हुए केंद्रीयकृत प्रणाली तैयार की गई है। इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग से लाइसेंस लेने की आवश्यकता है। इसमें निगेटिव विज्ञापन की एक सूची भी तैयार की गई है, जिन्हें विज्ञापन के लिए प्रतिबंधित करके रखा गया है।
पटना में मौजूद लोकनायक जयप्रकाश हड्डी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में स्पोर्ट इंजूरी की इकाई शुरू की गई है। इस इकाई में 20 बेड की व्यवस्था की गई है। साथ ही 36 नए पदों का सृजन किया गया है।
जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के तहत 100 करोड़ रुपये लागत की दो योजनाएं स्वीकृति की गई हैं। इसमें हसनपुर-बनिया से सगुनी के बीच 8.330 किमी लंबाई का नया तटबंध का निर्माण तथा पटना के बख्तियारपुर प्रखंड में गंगा चैनल के दाएं तट पर सुरक्षात्मक कार्य एवं कटाव कार्य शामिल हैं।
सात डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इन्हें लगातार अनुपस्थित रहने और अन्य कारणों से यह कार्रवाई की गई है। खगड़िया सदर अस्पताल के सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आशीष कुमार एवं डॉ जागृति सोनम, इसी जिले गोगरी के महेशखुंड अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. मो. फिरदौस आलम, लखीसराय सदर अस्पताल की सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनामिका कुमारी, इसी जिले के बड़हिया रेफरल अस्पताल की डॉ. अनुपम कुमारी, बेगूसराय के बरौनी स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. अनुपम कुमार और लखीसराय के हलसी के नौवा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. अभिनव कुमार शामिल हैं।
साहित्यकार प्रभात सरसिज के निधन पर शोक सभा आयोजित
- प्रभात सरसिज को जदयू कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि
- झाझा विधायक ने बताया व्यक्तिगत क्षति
गिद्धौर। संवाददाता। मंगलवार को गिद्धौर स्थित सूर्यनारायण पुस्तकालय परिसर में जनता दल यूनाइटेड गिद्धौर प्रखंड इकाई की ओर से गिद्धौर के प्रख्यात हिंदी कवि, साहित्यकार, पत्रकार और राजनीतिक विचारक स्वर्गीय प्रभात सरसिज की स्मृति में आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जदयू गिद्धौर प्रखंड अध्यक्ष विवेकानंद सिंह ने की। श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने प्रभात सरसिज के साहित्यिक योगदान, सामाजिक सरोकार एवं उनके बहुआयामी व्यक्तित्व पर विस्तार से चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि प्रभात सरसिज का निधन न केवल गिद्धौर, बल्कि पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। सभा को संबोधित करते हुए झाझा के विधायक दामोदर रावत ने गहन भावुकता के साथ कहा कि प्रभात सरसिज जी मेरे लिए मार्गदर्शक रहे हैं। वे न केवल एक कवि और समाजसेवी थे बल्कि राजनीति और जन सरोकारों को भी अपनी लेखनी से नई दिशा देते थे।
इस अवसर पर जदयू के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र प्रसाद राव, विवेकानंद सिंह, जयनंदन सिंह, समाजसेवी गुरुदत्त रावत समेत अन्य वक्ताओं ने भी प्रभात सरसिज के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और उन्हें एक प्रेरणास्रोत बताया। इस शोक सभा में झाझा जदयू प्रखंड अध्यक्ष राकेश दास, गिद्धौर जदयू व्यवसायिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष अजीत कुमार, विनोद सिंह, परमेश्वर रविदास, पूर्व मुखिया बालमुकुंद यादव, दिनेश तुरी, निरंजन मंडल, जदयू रतनपुर पंचायत अध्यक्ष अवध किशोर सिंह, कन्हैया जी, भोला रविदास, सुनील साव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में सभी ने दो मिनट का मौन रखकर प्रभात सरसिज को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य सचिव ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय कार्यों की समीक्षा
जमुई। संवाददाता। बिहार में विकासात्मक कार्यों को और तेज करने के मद्देनजर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षात्मक बैठक की। इस दौरान मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ कई आवश्यक निर्देश भी दिए। डीएम श्री नवीन के नेतृत्व में सभी संबंधित विभाग के पदाधिकारियों ने एनआईसी कक्ष से समीक्षा बैठक में भाग लिया और देय निर्देशों को आत्मसात किया।
मुख्य सचिव ने ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण विभाग, श्रम विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग समेत अन्य विभागों के आंकड़ों से रूबरू हुए और कार्यों में तीव्र गति लाने हेतु संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया। उन्होंने मौजूद विभागीय अधिकारियों को समय-सीमा के भीतर देय दायित्वों का निर्वहन किए जाने का निदेश देते हुए कहा कि सभी ओहदेदार समन्वय बनाकर कार्य करें ताकि योजना गुणवत्तापूर्ण ढंग से जमीन पर उतर सके। उन्होंने जिला के बदलाव के लिए इसे जरूरी करार दिया।
डीएम ने मौके पर सरकार के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर गति दिए जाने का निर्देश सभी सम्बन्धित पदाधिकारियों को देते हुए कहा कि किसी भी सूरत में अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एडीएम रविकांत सिन्हा, ओएसडी नागमणि कुमार वर्मा, जमुई नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. प्रियंका गुप्ता, झाझा नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. जनार्दन वर्मा, श्रम अधीक्षक रतीश कुमार समेत सभी सम्बंधित पदाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग में उपस्थित थे।
मां दक्षिणेश्वर काली पूजा का नौ दिवसीय अनुष्ठान संपन्न
-श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
झाझा। संवाददाता। झाझा प्रखंड अंतर्गत धमना गांव में मां दक्षिणेश्वर काली पूजा का नौ दिवसीय अनुष्ठान इस वर्ष 2 जून से शुरू होकर मंगलवार, 10 जून को शांतिपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस पूजा में न केवल स्थानीय ग्रामीणों ने बल्कि बिहार राज्य के विभिन्न जिलों और झारखंड से भी हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और मां के दरबार में अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की। मान्यता है कि मां दक्षिणेश्वर काली के दरबार में जो भी सच्चे मन से आता है, मां उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। यही कारण है कि इस पूजा की महिमा और आस्था वर्ष दर वर्ष बढ़ती जा रही है। श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ और भक्तों की आस्था ने पूरे मंदिर प्रांगण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। पूजा के दौरान प्रतिदिन रात्रि 9 बजे से लेकर भोर तक विशेष बली प्रथा का आयोजन किया गया। नौ दिवसीय अनुष्ठान के दौरान मंदिर परिसर और आस-पास के क्षेत्र को विशेष रूप से स्वच्छ और पवित्र बनाए रखा गया। इस बार पूजा समिति की ओर से एक बड़ी समस्या का समाधान भी किया गया। वर्षों से ध्वजा लेकर आने वाले भक्तों को बिजली के खुले तारों की वजह से परेशानी होती थी, जिसे इस वर्ष तारों को सुरक्षित तरीके से कवर कर सही कर दिया गया। इसके अलावा, इस वर्ष पूजा के दौरान बिजली बाधित न हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा गया। पूजा आयोजन को सफल बनाने में गांव के युवाओं और श्रद्धालु समाज के सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयोजन समिति में मुख्य रूप से मुखिया प्रतीक शर्मा, मोनू कुमार, पिंटू कुमार, मनीष कुमार, संतु कुमार, राजीव कुमार, बिमल कुमार, छोटू कुमार, पवन कुमार, रमेश कुमार, लालजीत कुमार, अमित कुमार, पंकज कुमार, दिनेश कुमार, अनिल कुमार, सकेंद्र तांती, सोनू कुमार, सचिन कुमार और राज कुमार का विशेष योगदान रहा।
बरनार जलाशय : बिहार को मिलने जा रहा है पहला कंक्रीट डैम
22 हजार हेक्टेयर में पहुंचेगा सिंचाई का पानी
डीएम ने बरनार जलाशय परियोजना के प्रस्तावित स्थल का लिया जायजा
सोनो। संवाददाता। जिले में बहुप्रतीक्षित बरनार जलाशय परियोजना को आखिरकार नया जीवन मिलने जा रहा है। रविवार को जिला पदाधिकारी नवीन ने प्रखंड के कटहराटांड़ गांव के पास बरनार नदी पर प्रस्तावित जलाशय स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। यह वही परियोजना है जिसकी समीक्षा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 फरवरी को अपनी प्रगति यात्रा के दौरान की थी। उसी दिन परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को फिर से तैयार करने की घोषणा हुई थी। 25 फरवरी 2025 को योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिली और इसके लिए जल संसाधन विभाग ने 2579.37 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी।
बरनार जलाशय बिहार का पहला पूर्ण रूप से कंक्रीट से बना डैम होगा। इसकी लंबाई 285 मीटर और ऊंचाई 74 मीटर निर्धारित की गई है। इस डैम से पानी दाएं और बाएं मुख्य नहरों से होते हुए भूमिगत पाइपलाइनों के जरिए खेतों तक पहुंचेगा। यह तकनीक बिहार में पहली बार किसी सिंचाई परियोजना में उपयोग की जाएगी। जलाशय के निर्माण से जिले के चार प्रमुख प्रखंडों सोनो, झाझा, गिद्धौर और खैरा के 22 हजार हेक्टेयर सूखाग्रस्त क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे कृषि कार्य को नई गति मिलेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी। अधिकारियों का मानना है कि यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित होगी। यह परियोजना जिले की एक महत्वाकांक्षी योजना रही है, जिसकी शुरुआत 1976 में हुई थी। प्रारंभिक दौर में नहर निर्माण, भूमि अधिग्रहण व अन्य संरचनात्मक कार्य हुए। 1988 में डैम निर्माण का ठेका गामन इंडिया को दिया गया, लेकिन वन भूमि की अपयोजन सहित कई बाधाओं के कारण 1991 में यह योजना पूरी तरह से बंद हो गई थी। तीन दशकों बाद अब इसे फिर से शुरू किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान डीएम नवीन ने बटिया स्थित बाबा झुमराज मंदिर भी पहंचे और मंदिर कमेटी के सदस्यों से श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली।
एक दिवसीय रक्तदान शिविर का आयोजन
एक दिवसीय रक्तदान शिविर का आयोजन संपन्न
आसनसोल। संवाददाता। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के नार्थ थाना में मंगलवार को आसनसोल ब्लड बैंक के सहायता से एक दिवसीय रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्य रूप से डीसी धृब दास, एसीपी बिश्वजीत नस्कर उपस्थित थे। शिविर में रक्त दाताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं अन्य अतिथियों मेंे रक्तदान शिविर में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले प्रसिद्ध प्रबीर धर, थाना प्रभारी अमित हालदार, अधिकारी रंजीत मन्ना सहित थाने के सभी पुलिस अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान आसनसोल ब्लड बैंक के विशेषज्ञों द्वारा करीब 50 यूनिट ब्लड संग्रह किया गया। शिविर में उपस्थित प्रबीर धर ने बताया कि 50 यूनिट ब्लड संग्रह का टारगेट हैं, संगृहीत सभी यूनिट ब्लड को आसनसोल ब्लड बैंक को सौंप दिया जाएगा।
महिला संवाद में समस्या से समाधान तक हो रही है बातें
जमुई। संवाददाता। ग्रामीण विकास विभाग की ओर से संचालित महिला संवाद कार्यक्रम ने गांव-गांव को जागरूकता, उम्मीद और समाधान का नया रास्ता दिखाया है। जमुई जिले में संवाद कार्यक्रम अब अपने अंतिम चरण में है, लेकिन इसका प्रभाव व महिलाओं की भागीदारी से गांव-गांव में जश्न का माहौल बन चुका है।
संवाद कार्यक्रम के 54वें दिन मंगलवार को झाझा प्रखंड में सिमुलतला में महिलाओं ने सामूहिक रूप से प्रखंड स्तर पर कालेज की मांग की है, जिससे यहाँ की बच्चियों को इंटर तक पढ़ाई करने में परेशानी न हो|
खुरंडा पंचायत में गणपती जीविका महिला ग्राम संगठन द्वारा आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में स्नातक की छात्रा निशु शिक्षा और स्वास्थ्य को मानव जीवन की मूल आवश्यकता बताते हुए इस क्षेत्र में कॉलेज, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला और अस्पताल बनाये जाने की आकांक्षा व्यक्त की। निशु कहती हैं कि सरकार बहुत कुछ कर रही है हमारे लिए, लेकिन समाज में अगर बदलाव लाना है, तो सभी को एकजुट होकर कदम बढ़ाना होगा, तभी हमारा समाज तरक्की करेगा। निशु कुमारी को बिहार सरकार की कई योजनाएं जैसे उन्हें पोशाक राशि, साईिकल योजना, छात्रवृति का लाभ मिल चुका है। इसी कार्यक्रम में निशु की तरह की आरती, रिमझिम, लक्ष्मी भी बाल-विवाह के खिलाफ अभियान चलाने की मांग करती है, जिससे स्कूल छोड़ रही किशोरियां जागरूक हो सके।
उल्लेखनीय है की महिला संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सरकार की ओर से संचालित योजनाओं की जानकारी प्रदान करना और उनके गांवों या टोलों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित करना है| जिले में 18 अप्रैल से कार्यक्रम निरंतर जारी है, जो 14 जून को समाप्त होगा।