- छह डॉक्टर्स व 2 सीए को सम्मानित करने का लिया निर्णय
मधुपुर/संवाददाता। शहर के पनाहकोला स्थित भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी कार्यालय में एक जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर्स एवं सीए दिवस मनाने को लेकर तैयारी बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता सोसायटी चेयरमैन डॉ. अरुण कुमार गुटगुटिया ने किया। बैठक में पिछले वर्ष के कार्यक्रम का आकलन सचिव महेंद्र घोष ने किया। डॉक्टर्स डे पर आयोजित कार्यक्रम की समीक्षा प्रस्तुत की। लिए गए निर्णय के अनुसार इस वर्ष 6 डॉक्टर्स और 2 चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) को सम्मानित करने का फैसला लिया गया। सोसायटी की एम्बुलेंस सेवा की प्रगति और उसके प्रबंधन पर भी विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम आयोजन की जिम्मेदारी को लेकर संयोजक राजेश कुमार दुबे व कार्यक्रम पदाधिकारी मालती सिन्हा को बनाया गया। बैठक में उपाध्यक्ष मोती सिंह, संजय शर्मा, संजय यादव, प्रिंस समद, राजेश राम, राजेश सिन्हा, अरविंद कुमार, अजय पाठक, अमित मोदी, दीपक मिश्रा, एनुल होदा, गौरव जायसवाल, दशरथ रवानी, विवेक बथवाल, दिलीप उर्फ सुल्तान, सबिला अंजुम, शाहिद आलमी, राकेश वर्मा, मिठू दत्ता,सुखदेव रवानी, मुमताज और अजीत आनंद सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
स्मृति दिवस पर याद किए गए जनवादी लेखक केदारनाथ अग्रवाल
मधुपुर/संवाददाता। स्थानीय भेड़वा स्थित राहुल अध्ययन केन्द्र में प्रगतिशील-जनवादी लेखक केदारनाथ अग्रवाल की स्मृति दिवस के अवसर पर याद किये। मौके पर उपस्थित लोगों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
मौके पर जनवादी चिंतक धनंजय प्रसाद ने विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि केदारनाथ अग्रवाल प्रगतिशील-जनवादी विचार धारा के कवि थे, उनकी भाषा, शैली व मानवीय संवेदना युक्त उनकी रचनाएं हैं। जो उन्हें जनसरोकार व जनपक्षधरता से जोड़ती है। वैसे वो पेशे से वकील थे और 10 वर्षों तक सरकारी वकील के रुप में कार्यरत रहे। वकालत के पेशे से जुड़कर भी मानवीय संवेदना के केन्द्र में हमेशा ही बने रहे, ये उनकी सबसे बड़ी खासियत व उपलब्धि भी है। उनकी प्रमुख रचनाएं-गुल मेंहदी, आत्मनेह, जमुना जल, आदि रहीं हैं। सोवियत लैंड नेहरू सम्मान, साहित्य अकादमी सम्मान सहित दर्जनों संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। भला ऐसे विभूति को कैसे बिसराया जा सकता है, उन्हें याद करना लाजिमी है। अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
अवैध बालू लदा एक ट्रैक्टर जब्त
सारवां/संवाददाता। जिला खनन पदाधिकारी देवघर के निर्देश पर पुलिस ने सारवां थाना में एक ट्रैक्टर के मालिक व चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। जानकारी के अनुसार सारवां पुलिस ने अवैध बालू एवं परिवहन के खिलाफ छापेमारी अभियान चला रखा है। इसी अभियान के दौरान बीते 16 जून को एएसआई मकबूल अंसारी ने फुरसा गांव के पास एक अवैध बालू लोड ट्रैक्टर पकड़ा। थाना प्रभारी कोशल कुमार सिंह ने बताया कि जिला खनन पदाधिकारी के आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
तीन मांगों को लेकर 28 जून को ग्रामीण करेंगे आंदोलन
- बैठक कर बनायी रणनीति
मोहनपुर/संवाददाता। मोहनपुर प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत रविवार को देवघर दुमका मुख्य सड़क चौपा मोड़ यात्री शेड में जिला परिषद सदस्य गीता मंडल के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गयी। बैठक में स्थानीय समस्याओं को लेकर गहन रूप से विचार-विमर्श किया गया। बैठक में आम जनता ने पहली मांग मोहनपुर रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क की समसा को रखा, वहीं दूसरी ज्वलंत मुद्दा दो राइस मिल के द्वारा राख, खुले मैदान में फेंकने व हवा में उड़ाने वाले समस्या को रखा। तीसरी एवं महत्वपूर्ण मांग गोड्डा रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस तथा दुमका रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस के अलावे इस रूट से गुजरने वाली सभी एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव को लेकर प्रदर्शन करने को लेकर निर्णय लिया गया। तीन मांगों को लेकर 28 जून को आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। बैठक में मुखिया प्रतिनिधि कृष्ण यादव, ग्राम प्रधान सह सहायक शिक्षक नरेश प्रसाद यादव,बच्चन देव कुमार, महावीर प्रसाद यादव, सुनील यादव, श्रीकांत यादव, संतोष कुमार मिर्धा, सुमन कुमार, मुन्ना कुमार, राजू प्रसाद यादव, सुजीत कुमार, रणधीर कुमार, पूरन मंडल समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।
पिकअप वैन व ओमनी में जोरदार टक्कर
- दोनों वाहन के चालक बाल-बाल बचे
मोहनपुर/संवाददाता। मोहनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत देवघर-गोड्डा मुख्य सड़क सिकटिया मोड़ के समीप ओमनी कार एवं पिकअप वैन में आमने-सामने जोरदार टक्कर हो गयी। घटना के संबंध में बताया जाता है कि पिकअप वैन देवघर की ओर जाने के क्रम में तथा विपरीत दिशा से ओमनी आने के क्रम में तीखी मोड़ होने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना में पिकअप वैन के पीछे दो चक्कर खुलकर फेंका गया तथा ओमनी का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं इस दुर्घटना में दोनों वाहन के चालक सुरक्षित हैं। राहगीरों ने घटना की जानकारी मोहनपुर पुलिस को दी। सूचना मिलते ही मोहनपुर थाना प्रभारी प्रियरंजन कुमार दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। इस दुर्घटना में किसी प्रकार की कोई हताहत नहीं हुई है। पुलिस दोनों गाड़ी को जब्त कर लिया है।
विपदतारिणी पूजा 29 को, तैयारी जोरों पर
मधुपुर/संवाददाता। अनुमंडल के करौं बाजार में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले विपदतारिणी पूजा इस वर्ष 29 जून शनिवार को आयोजित की जाएगी। पूजा को लेकर बाजारवासियों द्वारा जोर शोर से तैयारी चल रही है। पूजा को लेकर भव्य पंडाल का निर्माण चल रहा है। करौं बाजार के सिंघवाहिनी दुर्गा मंदिर प्रांगण में विपदतारिणी पूजा का आयोजन होगा। पूजा के अवसर पर करौं बाजार एवं आसपास के कई दर्जन गांवों के लोग पूजा में भाग लेते हैं। पूजा की तैयारी में करौं बाजार के लोगों ने कमर कस लिया है। ज्ञात हो कि सिंहवाहिनी का मंदिर जामताड़ा जिले के करमाटांड़ प्रखंड के तेलकियारी गांव के लोगों का है। करौं बाजार वासी माता सिंह वाहिनी को अपना इष्ट देवी मानते हैं।
विद्यालयों में छात्रवृति मंत्री का होगा चयन
मधुपुर/संवाददाता। अनुमंडल के करौं प्रखंड के 134 विद्यालयों में छात्रवृति मंत्री का चयन होगा। इसको लेकर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी विनोद कुमार तिवारी ने प्रखंड के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि वह अपने विद्यालयों में पूर्व में चयन किए गए बाल संसद में एक और मंत्री छात्रवृत्ति मंत्री का चयन करें। प्रखंड क्षेत्र के सभी विद्यालयों में बरसों से बाल संसद चल रहा है। अब छात्रवृति मंत्री चयन कर जोड़ने का निर्देश दिया गया है। इसको लेकर विभिन्न विद्यालयों में छात्रवृत्ति मंत्री चयन करने का प्रक्रिया सोमवार से शुरू किया जाएगा। बताया जाता है कि छात्रवृत्ति मंत्री जिन छात्र-छात्राओं का बैंक खाता नहीं खुला होगा, उनका नया खाता खुलवाने में प्रेरित करेगा।
बालू लोड टै्रक्टर पकड़ाया
मोहनपुर/संवाददाता। मोहनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत शनिवार की रात्रि को गुप्त सूचना के आधार पर अमेलवा गांव से पुलिस ने बालू लदे एक ट्रैक्टर को जब्त किया है। ट्रैक्टर के मालिक व चालक के विरुद्ध अग्रतर कार्रवाई हेतु खनन विभाग को पत्राचार किया गया है।
युवक का शव तालाब से मिला
पालोजोरी/संवाददाता। पालोजोरी थाना क्षेत्र के फॉर्मनवाडीह तालाब में रविवार को एक 24 वर्षीय युवक का शव तालाब में तैरता हुआ मिला है। जिसकी सूचना पालोजोरी थाना को दी गई है। ग्रामीणों के सहयोग से शव को तालाब से बाहर निकाला गया है। वहीं शव की पहचान थाना क्षेत्र के ही गादी निवासी जालेश्वर मुर्मू के रूप में हुई है। पालोजोरी पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
किशोरियों को दी गयी कानून की जानकारी
मारगोमुंडा/संवाददाता। स्वयंसेवी संस्था आश्रय ने जी एफ एफ के सौजन्य से रविवार को मार्गोमुंडा गांव में किशोरी समूह के साथ बैठक की। इस दौरान आश्रय के मुस्कान परवीन ने बाल विवाह रोक थाम को लेकर किशोरियों को कानूनी जानकारी दी। बताया कि बाल विवाह को लेकर कानून बना है कि जो भी लोग बाल विवाह करवाते पकड़े जाएंगे उसे कानूनी तौर पर सजा हो सकती है एवं उसे जुर्माना भी देना पड़ सकता है। इसलिए आप लोग बाल विवाह जैसे शादी में ना जाए और अपने परिवार के कोई भी सदस्य को ना जाने दें। किशोरियों से कहा कि आप लोग भी 18 वर्ष से कम उम्र में शादी नहीं करें। कहा पढ़ाई लिखाई दुनिया में सबसे आसान काम है। पढ़ाई पूरी करके नौकरी प्राप्त कर सकते हैं जिसे आप और आप के परिवार खुशी से जीवन यापन कर सकते हैं। बैठक में आश्रय से तमन्ना परवीन सहित समूह की किशोरी मौजूद थीं।
दो दिवसीय सावन मेला की तैयारी को लेकर मारवाड़ी महिला समिति ने की बैठक
मधुपुर/संवाददाता। शहर के कुंडू बंगला मोहल्ला स्थित अग्रसेन भवन में अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला समिति मधुपुर शाखा द्वारा रविवार को दो दिवसीय सावन मेला की तैयारी को लेकर एक बैठक अध्यक्ष रीना खेड़िया की अध्यक्षता में आयोजित की गयी।
23 व 24 मई को आयोजित होने वाली इस मेला का उद्घाटन मारवाड़ी पंचायत द्वारा किया जाएगा। उक्त बात की जानकारी अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला समिति मधुपुर शाखा की सचिव शालिनी गुटगुटिया ने दी है। उन्होंने बताया कि सावन मेला में 20 से अधिक स्टॉल लगाये जाएंगे। मेले में देवघर, गिरिडीह सहित अन्य जगहों की महिलाएं द्वारा भिन्न-भिन्न प्रकार का स्टॉल लगाया जायेगा। कहा कि मेले का आयोजन दोपहर दो बजे से रात्रि आठ बजे तक होगा। मेले के अंतिम दिन राखी मेकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा। सावन मेला में राखी, साड़ी, कुर्ती, लड्डू गोपाल का पोशाक, बेडशीट, ज्वेलरी के साथ-साथ खाने के लिये चाट- चटपटी सहित विभिन्न गेमों का आयोजन होगा। जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। मारवाड़ी युवा मंच भी इस मेले में अपना सहयोग कर रहा है।
बैठक में मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष ऋषभ भारद्वाज सहित महिला मंच की अनुषा डालमिया, रूपा गुटगुटिया, बबिता गुटगुटिया, बबिता भोपालपुरिया, लीला मोदी, मीता गुटगुटिया, सुलेखा लच्छीरामका, पूजा खंडेलवाल, रंजीता कलबलिया, हेमलता चौटरिया सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
सीओ और अनुुमंडल पदाधिकारी के आदेश की उड़ रही है धज्जियां
- 4 मई 2016 को सीओ ने दी थी जमीन नापी और ट्रेस नक्शा बनाकर कार्यालय में जमा करने का निर्देश
- नाजिर रसीद जमा कराने के 10 वर्ष बाद नहीं करायी गयी नापी
- सीओ ने दोबारा 13 मई को जमीन नापी कराने का दिन किया था निर्धारित
सारठ/संवाददाता। सारठ अंचलकर्मी द्वारा पदाधिकारी एवं वरीय पदाधिकारी के आदेश की यहां धज्जियां उड़ायी जा रही है। 10 वर्षों से सीओ के आदेश का क्यों पालन नहीं हो रहा है, कुछ तो कारण होगा। ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है कि आज से करीब 10 वर्ष पूर्व यानि 4 मई 2016 को सारठ मौजा के जमाबंदी नंबर 36/ख के दाग नंबर 2176 और 2177 में सारठ अंचल के विविध वाद संख्या 07/2015-16 प्रदीप कुमार लाल बनाम बिरजु मंडल के विवाद मंे नापी का आदेश सीओ द्वारा दी गई थी। नापी शुल्क 350 रुपए जमा करवा कर नाजिर रसीद भी कटवा लिया, अगर इस राशि को बैंक व्याज की दर से जोड़ी जाय तो 10 वर्षों में इसी राशि के करीब पहुंच जाती।
कौन है जिम्मेदार : कौन है इसका दोषी या फिर किसकी है जिम्मेवारी। इसका कोई भी कारण अंचल में बताने को तैयार नहीं है। 13 मई 2025 को नापी के लिए आये अमीन ने चौहद्दी और स्पष्ट नक्शे आवेदक द्वारा उपलब्ध नहीं कराने की बात अपने जांच प्रतिवेदन में लिखकर अनुमंडल कार्यालय को भेजा है, जबकि सर्वे सेटलमंेट की मौजा नक्शा अमीन को उपलब्ध कराया गया था। हालांकि सारठ के अंचल अमीन होम अंचल का रहने के कारण राजनीति से प्रेरित होकर नापी कार्य को बाधित करने का भी अंदेशा लगाया जा रहा है। जबकि अमीन को पता होना चाहिए कि कोई भी जमीन बिना चौहद्दी का नहीं होता है,साथ ही इस विवाद से संबंधित सभी कागजात भी आवेदक द्वारा उपलब्ध करा दिया गया था। हालांकि ये कोई नयी बात नहीं हैं अंचल के लिए, यहां जांच के लिए कोई निर्धारित समय नहीं होता। ऐसे भी अंचल में कोई भी मामले की जांचकर्ता समय पर जांच रिपोर्ट नहीं दिये जाने से दूर-दराज से आये हुए लोगों को भी अंचल का कई बार चक्कर लगाने पड़ते है। अगर जांच रिपोर्ट दिये भी जाते हैं तो फिर कोई कारण से अगर लटक गया तो दोबारा जांच की ही प्रक्रिया अपनायी जाती है। जिसका उदाहरण 2016 का विविध वाद संख्या 07/2015-16 का यह मामला है, जो धीरे-धीरे अब लोगों के सामने पोल खुलता दिख रहा है।
10 वर्षों से नापी के इस मामले को लटकाने के पीछे कहीं लेनदेन का चक्कर तो नहंी है, जिस कारण विपक्ष से मिलकर मामले का निष्पादन नहीं किया जा रहा है। यह सारठ अंचल का बहुत ही गंभीर मामला है, जो जांच का विषय बन चुका है। अगर किसी तरह की दस्तावेजों की कमी है तो आवेदक को नोटिस जारी कर दस्तावेजों की मांग क्यों नहीं की जाती है। जबकि इस मामले से संबंधित सारे दस्तावेज अंचल कार्यालय के अभिलेख में आवेदक द्वारा संलग्न भी किया जा चुका है, जबकि विपक्ष द्वारा सिर्फ गलत आवेदन ही दिये जाते है, अपने दावे में कोई कागजात प्रस्तुत नहीं करने पर भी विपक्ष के पक्ष में काम किया जाना संदेह के घेरे में है। यही कारण है कि 4 मई 2016 को सीओ द्वारा दिये गये आदेश का आजतक निष्पादन नहीं हो पाया है। अंचलकर्मी बता दें कि संपूर्ण जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही नापी का आदेष दिया जाता है न कि नापी आदेश के बाद जांच प्रक्रिया अपनायी जाती है। ये मनमानी नहीं तो और क्या कहा जा सकता है। इस प्रकार बार-बार अंचल से जांच की प्रक्रिया अपना कर ही मामले को पेंचिदा बनाकर लटका कर छोड़ देने के कारण ही यह मामला आजतक लंबित है। पता नहीं इस विवाद से संबंधित अभिलेख अंचल कार्यालय में सुरक्षित है भी या नहीं।इधर हाल ही में अंचल अधिकारी ने 7 मई 2025 को सारठ अंचल के विविध वाद संख्या 07/2015-16 का नापी आदेश देकर 13 मई को सुनिश्चित किया गया था, लेकिन नापी टीम में शामिल अंचल कर्मी प्रभारी अंचल निरीक्षक, राजस्व उपनिरीक्षक और अमीन स्थल पर पहुंचे और फिर जांच और ट्रेस नक्शा का बहाना बनाकर बगैर नापी के चले गये। अब सवाल ये भी उठता है कि जब स्थलीय जांच कराये जाने के बाद ही नापी का आदेश दिया गया था, तो फिर बार-बार जांच क्यों। - 19 मई को अनुम्ंाडल पदाधिकारी मधुपुर ने परिसीमन कराकर मांगा था जांच प्रतिवेदन, अब तक नहीं हुआ परिसीमन : अंचल से नापी नहीं किये जाने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी, मधुपुर से इसकी षिकायत करने और दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी ने सारठ सीओ को 19 मई 2025 को सारठ मौजा के जमाबंदी नंबर- 36/ख के दाग नंबर- 2176 और 2177 का परिसिमन कराकर जांच प्रतिवेदन मांगे जाने पर भी बिना परिसिमन कराये सिर्फ जांच प्रतिवेदन भेजकर अंचलकर्मी छुटकारा पा लिया। ऐसा प्रतीत होता है कि किसी एक पक्ष को लाभ पहुंचाने का ही अंचल कर्मियों का मुख्य उद्देश्य निहित है। यहां तक की सारठ अंचल कार्यालय से अनुमंडल कार्यालय को अपने भेजें गये जांच प्रतिवेदन में 97/क के रैयत पूरन मंडल/मुसो मंडल के वशंज बिरजु मंडल को 36/ख के रैयत गणपत मंडल के वंशज में दिखाने का दावा भी बिना कुर्सीनामा या वंशावली से पुष्टि किये ही सिर्फ विपक्षी के बोलने से ही अपने जांच प्रतिवेदन में जिक्र मामले को उलझाने के लिए कर दिया, जो सरासर गलत है। जबकि किसी विवाद का स्थलीय जांचोपरांत के बाद ही नापी आदेश निर्गत किये जाते हैं, फिर बार-बार अंचल द्वारा जांच प्रक्रिया में अलग-अलग जांच प्रतिवेदन क्यों बनाया जाता है। जांच प्रक्रिया में एक पक्ष से विवाद से जुड़े दावे संबंधी दस्तावेजों की मांग करते है, तो फिर दूसरे पक्ष से दावे की कोई दस्तावेजों की मांग क्यों नहीं की जाती है, सिर्फ गलत आवेदन और बोलने पर ही जांच प्रतिवेदन में जिक्र कर भिन्नताएं क्यों दर्शायी जाती है। ऐसे में अब ये मामला आवेदक के समक्ष न्याय पाने के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनकर रह गया है।