ड्यूटी से गायब चिकित्सकों को दी गयी कड़ी हिदायत
- जल्द ही बदलेगी अस्पताल की व्यवस्था
मधुपुर/संवाददाता। सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने गुरुवार रात को अनुमंडल अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। मंत्री हफीजुल रात 12 बजे अचानक अस्पताल पहुंच गए। उपस्थित मरीजों से अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। मौके पर उन्होंने स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सकों से अस्पताल के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोई भी स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी के दौरान बाहर निजी नर्सिंग होम में प्रैक्टिस नहीं करेंगे। ड्यूटी के दौरान गायब होने वाले डॉक्टर को कड़ी हिदायत दी। उन्होंने चिकित्सकों को रात्रि में सेवा देने के लिए अस्पताल में ही रहने को कहा। अस्पताल में कितने चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति है। इसकी जानकारी सीएससी लेने की बात कही। मधुपुर अस्पताल में जितना भी चिकित्सकों प्रतिनियुक्ति है। वहां आकर अपनी सेवा दें मरीजों का ख्याल रखें। आपातकालीन स्थिति में रात्रि में सेवा दें। अस्पताल में मरीजों को सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया। कहा कि बहुत जल्द ही अस्पताल की व्यवस्था बदलेगी। मौके पर समाजसेवी कुंदन भगत, पंकज पीयूष, राजा आदि मौजूद थे।
शिविर में 136 गर्भवती महिलाओं का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
मधुपुर/संवाददाता। प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत शुक्रवार को अनुमंडल अस्पताल में शिविर आयोजित कर गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। जिसमें 136 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई। इस दौरान गर्भवती महिलाओं का ब्लड प्रेशर, एचआइवी, वजन आदि की जांच की गई। जांच के क्रम में पांच हाई रिस्क गर्भवती महिला चिह्नित हुई है। इसमें एक गर्भवती महिला उच्च रक्तचाप की मरीज पाई गई। जबकि 10 गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई। इस दौरान 55 महिला को अल्ट्रासाउंड के लिए भेजा गया।
मौके पर गर्भवतियों की काउंसलिग करके गर्भावस्था के दौरान जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में जानकारी दी गई। प्रसव के बाद परिवार कल्याण की जानकारी दी गई। हाई रिस्क कैटेगरी, हीमोग्लोबिन की कमी एवं उच्च रक्तचाप वाली गर्भवती महिलाओं की चिकित्सक ने जांच कर इलाज किया। मौके पर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. मो शाहिद ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रत्येक महीने की नौ तारीख को सभी गर्भवती की जांच करके उचित इलाज किया जाता है। जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान करके इलाज किया गया। समय पर इन खतरों की पहचान करके बहुत सी जटिलताओं को कम किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान हर महीना एएनसी जांच जरूरी है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को जांच उपरांत आयरन की गोली, कैल्शियम, विटामिन की दवा मुफ्त में दी गई।
मौके पर एएनएम कैटरीना मरांडी, लूसी कुमारी, मीरा कुमारी, श्याम हासदा, संदीप कुमार, शोएब आलम, निरंजन दास, राजेश कुमार यादव, फुरकान खान, जीतू बेसरा समेत बीटीटी, सहिया साथी और सहिया मौजूद थी।
कृषक मित्रों की हुई बैठक
सारठ/संवाददाता। सारठ प्रखंड के एटिक सभागार में सहायक तकनीकी प्रबंधक धर्मेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में कृषक मित्रों की बैठक आहूत की गईं।बैठक में श्री सिंह ने वैसे किसानों का सत्यापन कर वास्तविक कारणों का पता लगाने का निदेश कृषक मित्रों को दिया। कहा कि जिन किसानों को केसीसी ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिल सका है। इस संबंध में उन्होंने बताया कि जिले से प्राप्त प्रखंड के 1382 किसानों की सूची का जिक्र करते हुए कहा कि ई-केवाईसी नहीं होने के कारण कई किसानों को योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो सका है।वैसे किसानों का कृषक मित्र ई-केवाईसी कराते हुए एक रुपए का टोकन कटवाने तथा वैसे किसानों का सत्यापन करना है, जिनके पास राशन कार्ड नहंी है या मृत्यु हो चुका है। एक राशन कार्ड में उनके परिवार के सदस्य को लाभ मिल चुका है या नहीं। वहीं इस बाबत निदेश दिया गया कि इसकी सत्यापन कर दो दिनों के अंदर प्रतिवेदन सहायक तकनिकी प्रबंधक के पास जमा करने को कहा गया। बैठक में कृषक मित्र गणेश प्रसाद सिंह, महानन्द मंडल, मो. नशीम, राखी देवी, बमभोला मंडल, प्रसादी महरा समेत अन्य भी मौजूद थे।
वार्ड सदस्य की दादी के निधन पर शोक
सारठ/संवाददाता। सारठ प्रखंड के बगडबरा पंचायत के वार्ड सदस्य मुकेश मंडल की दादी के निधन पर बगडबरा पंचायत के मुखिया अशाोक कुमार मंडल, उपमुखिया पप्पू सिंह, वार्ड सदस्य संजय तथा ग्रामीण रामप्रसाद, गुड्डू किशोर, सादीर, मशूद, गफार अंसारी समेत ग्रामीणों ने मृतक के घर पहुंचकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की तथा परिजनों को ढाढ़स बंधाया।
मानसून की बेरुखी से किसान हताहत, फिर बन रही सुखाड़ की स्थिति
चितरा/संवाददाता। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मानसून की दगाबाजी से क्षेत्र के किसान हताहत हैं। रोहिणी नक्षत्र गुजर जाने के बाद भी किसान अपने खेतों में खरीफ फसल के लिए धान का बीज छिड़काव नहीं कर पाए हैं। वहीं अब आषाढ़ महीना भी प्रवेश कर गया है, लेकिन मानसून अब तक प्रवेश नहीं होने से किसान खेतों में अभी तक हल भी उतार नहीं पाए हैं। इस स्थिति में किसानों को अब यह डर सताने लगा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी खरीफ फसल की पर्याप्त खेती नहीं हो पायेगी। दूसरी ओर बारिश नहीं होने से सब्जी की खेती पर भी असर देखा जा रहा है और मंडियों में सब्जियों की कीमत भी बढ़ने शुरू हो गई है। इस संबंध में किसान सुरेश महतो, परमेश्वर महतो, राजीव महतो आदि ने कहा कि बारिश नहीं होने के कारण एवं अत्यधिक धूप होने से प्राय: सब्जियां झुलसने लगी है। जिसमें मुख्य रूप से भिंडी, मिर्ची, मकई सहित अन्य मौसमी सब्जियों पर खासा असर देखा जा रहा है। कहा कि फिलहाल तो सब्जियों की कीमत सामान्य है, लेकिन अगर यही स्थिति रही तो सब्जियों की कीमत तेजी से बढ़ने लगेगी। क्योंकि सब्जी उत्पादन कम होगा और मांग अधिक होगी तो कीमत में उछाल होना वाजिब है। इसके अलावा बारिश नहीं होने से तालाब, कुंआ, डोभा आदि में जलस्रोत में पानी कम होने से सब्जी आदि पटवन में समस्या हो रही है। हालांकि मौसम विभाग के अनुसार अगले एक सप्ताह तक मानसून झारखंड में दस्तक देने की दावे की जा रही है। अब आगे मौसम का मिजाज देखना है और किसानों को भी फिलहाल मानसून का इंतजार करना होगा।