आदिवासी विरोधियों का किया पुतला दहन
कुंडहित/संवाददाता। आदिवासी सेंगल अभियान के तहत शुक्रवार को कुंडहित प्रखंड मुख्यालय में रैली सह पुतला दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अभियान के गौरीशंकर टुडू की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने कॉलेज मोड़ से बरमसिया चौक तक रैली निकाली। वहीं सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति के समीप पुतला दहन किया गया। कार्यक्रम के बाबत सेंगल अभियान कार्यकर्ताओं ने मांझी हड़ाम की वंशानुगत व्यवस्था, ओलचिकी लिपि का विरोध तथा ईसाई मिशनरियों के विरुद्ध जम कर नारेबाजी की। प्रखंड अध्यक्ष गौरीशंकर टुडू ने बताया आदिवासी समुदाय के बहुचर्चित नेता सालखन मुर्मू की अगुवाई में आदिवासी सेंगल अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के माध्यम से उनलोग आदिवासी समाज के लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। बताया कि वंशानुगत मांझी हड़ाम व्यवस्था के कारण आदिवासी समुदाय का उत्थान नहीं हो पा रहा है। सही प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के कारण नशापान, अंधविश्वास, डायन प्रथा जैसी कुरीतियों को बढ़ावा मिल रहा है। बताया कि ऑलचिकी लिपि का समर्थन नहीं करके वर्तमान आदिवासी नेताओं के साथ-साथ हेमंत सोरेन की सरकार ने अपनी नीयत स्पष्ट कर दी है। ओलचिकी लिपि का समर्थन नहीं करने वाले आदिवासी विरोधी हैं। जबकि ओलचिकी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत सूचीबद्ध कर लिया गया है। टुडू ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने संथालपरगना को ईसाई, मुसलमान के साथ-साथ अधिकांश अनपढ़ और पियक्कड़ मांझी हड़ामों के हाथों में सौंप दिया है। जिस वजह से आज भी आदिवासियों का उत्पीड़न के साथ-साथ उनका रेप और मर्डर का दंश झेलना पड़ रहा है। कहा कि अभियान के तहत उनलोग वंशानुगत मांझी हड़ाम की व्यवस्था को खत्म करने, ऑलचिकी लिपि का समर्थन करने और ईसाई मिशनरियों के मंसूबों पर पानी फेरने की मांग कर रहे हैं। तभी आदिवासी भाषा और उसकी संस्कृति की रक्षा हो पाएगी। कार्यक्रम के दौरान नारेबाजी करते हुए अभियान कार्यकर्ताओं ने सांकेतिक तौर पर आदिवासी विरोधियों का पुतला दहन किया। कार्यक्रम में अभियान से जुड़े प्रमुख कार्यकर्ता गण उपस्थित थे।
राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह-समझौते के आधार पर सुलहनीय वादों का होगा निष्पादन
जामताड़ा/संवाददाता। जिला विधिक सेवा प्राधिकार जामताड़ा स्थित व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार प्रात: 09 बजे से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह-समझौते के आधार पर निम्न वादों का निष्पादन किया जाएगा। इसके अलावा बैंक ऋण से संबंधित मामले, बिजली से संबंधित मामले, रेलवे से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेन्ट से संबंधित मामले, 138 एनआई एक्ट चेक बाउंस से संबंधित मामले, बीएसएनएल से संबंधित मामले, फौजदारी, क्रिमिनल सुलहनीय मामले, रेवन्यू से संबंधित मामले, वैवाहिक विवाद से संबंधित मामले, उत्पाद वाद से संबंधित मामले, उपभोक्ता विवाद से संबंधित मामले, वन वाद से संबंधित मामले, भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा से संबंधित मामले, न्यूनतम मजदूरी विवाद एवं श्रम से संबंधित मामले, मनरेगा से संबंधित मामले एवं अन्य सभी सुलहनीय मामले जिन्हें लोक अदालत के माध्यम से सुलझाया जा सकता है।
ऐसे में सभी संबंधित पक्षकारों से अनुरोध है कि अपने मामलों का सुलह समझौते के आधार पर राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारण के लिए संबंधित न्यायालय विभाग में यथाशीघ्र आवेदन दें और राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिक से अधिक लाभ उठावें। इस संबंध में पूर्व समझौता बैठक 13 मार्च से ही चल रहा है। राष्ट्रीय लोक अदालत पूर्व में समझौता बैठक के लिए गठित पीठ में अपने मामलों को रखवा कर अपने वादों का निष्पादन करवा सकते हैं। इस संबंध में किसी प्रकार की जानकारी के लिए कार्यालय अवधि में न्यायालय परिसर में स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय में उपस्थित होकर प्राप्त कर सकते हैं।