-पहल नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने किया हड़ताल
आमड़ापाड़ा/संवाददाता। पचुवाड़ा ग्राम सेवा समिति की ओर से रांगा टोला के पास कंपनी की ओर से संचालित कोयला खदान से चलने वाले वाहनों को ग्रामीणों एवं समिति के द्वारा बंद कर दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कोल कंपनी ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा है। बच्चों को खेलने के लिए मैदान, रात्रि में पढ़ने के लिए बिजली और युवा पीढ़ी के लोग को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। ग्रामीणों ने कहा कि कई बार कंपनी के प्रतिनिधियों को मांग के बाबत बताया लेकिन कंपनी की ओर से कोई पहल नहीं की गयी और आज वे मजबूर होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल किये हैं। वहीं बंद की खबर सुन कर बीडीओ और थाना प्रभारी के साथ-साथ कोल कंपनी के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ बैठक की। बैठक में ग्रामीणों के द्वारा अपनी मांग को रखा गया। लेकिन खबर लिखे जाने तक वार्ता समाप्त नहीं हो पाई थी।
शहीद जवरा पहाड़िया उर्फ तिलका मांझी की प्रतिमा का हुआ अनावरण
-जवरा पहाड़िया उर्फ तिलका मांझी का जन्म 1750 में हुआ
लिट्टीपाड़ा/संवाददाता। गान्दुपरता में अमर शहीद जवरा पहाड़िया उर्फ तिलका मांझी की प्रतिमा का अनावरण रविवार को थाना प्रभारी लिट्टीपाड़ा अरुणिमा बागे, शिवचरण मालतो, महासचिव सह संस्थापक हिल एसेम्बली पहाड़िया महासभा के बैद्यनाथ पहाड़िया, समाजसेवी रामकुमार पहाड़िया, मुख्य सलाहकार सह सेवानिवृत्त वायुसेना के डेविड मालतो ने की। मौके पर मौजूद शिवचरण मालतो ने उपस्थित लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि जवरा पहाड़िया उर्फ तिलका मांझी का जन्म तत्कालीन भागलपुर प्रमंडल के ऐतिहासिक सिंगारसी पहाड़ी, वर्तमान में संतालपरगना प्रमंडल गोड्डा जिला, प्रखंड सुंदरपहाड़ी के गड़गामा गांव में 11 फरवरी,1750 को हुआ था। इनका मूल नाम जवरा पहाड़िया है और पुकारू नाम से प्रसिद्द हो गए तिलका मांझी। यह आदिमानव मूल निवासी आदिम जनजाति पहाड़िया हैं। इनका युद्द कौशल क्षेत्र बड़ा पालमाटोंगा पहाड़, पोरआनी, सिंगारसी पहाड़ में है जहां अनेकों हत्यार के अवशेष और चिह्न मिले हैं।