चार दर्जन से अधिक लाभुकों के मनरेगा मजदूरी का हुआ बंदरबांट
मेहरमा। संवाददाता। ठाकुरगंगटी प्रखंड के दिग्घी पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के अधिकतर लाभुकों को दी जाने वाली मनरेगा मजदूरी की राशि दूसरे लाभुकों के जॉब कार्ड के सहारे भुगतान करने का मामला प्रकाश में आया है। मनरेगा विभाग के भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मियों की मिलीभगत से लाखों रुपयों की बंदरबांट हुई है। फर्जी मजदूर का मस्टर-रौल में डिमांड दिखाकर भुगतान किया गया है। मालूम हो कि प्रखंड अंतर्गत दिग्घी पंचायत के पहाड़पुर, देवनचक, चांदपुर, दिग्घी गांव में करीब 40 से 50 ऐसे पीएम आवास लाभुक हैं। जिसे मनरेगा मजदूरी नहीं दिया गया है। और उस मनरेगा मजदूरी की राशि को दूसरे मनरेगा मजदूर को भुगतान कर राशि का बंदरबांट किया गया है। इस संबंध में मीडिया के द्वारा कई आवास लाभुक से मनरेगा मजदूरी के बारे में पूछे जाने पर बताया कि आवास बनाने के एवज में तीन किस्तों में एक लाख, 20 हजार रुपये बैंक खाते में मात्र मिला है। उसके बाद कोई भी मजदूरी का पैसा उन्हें या फिर परिवार के कोई सदस्यों को नहीं मिला है। और मजदूरी का रुपया से संबंधित जानकारी भी नहीं है। जबकि गांव के जानकार लोगों से पता चला है कि प्रति आवास लाभुकों को सरकार से मिलने वाला मजदूरी का 20 हजार रुपया दूसरे मजदूर के जॉब कार्ड में डिमांड कर रुपए की निकासी करते हुए बंदरबांट किया जा रहा है।
ऑनलाइन दस्तावेज से लाभुकों को पता चला
लाभुकों ने ऑनलाइन भुगतान का स्टेटमेंट देख कर पता चला कि 2018 से 2022 तक बने पीएम आवास योजना में मजदूरी का रकम लाभुकों को नहीं देकर जो मजदूरी कभी किया ही नहीं है। उसे फर्जी मजदूरी मस्टर-रौल में डिमांड दिखा कर भुगतान किया गया है। बताया जा रहा है कि रोजगार सेवक, मुखिया, पंचायत सचिव सहित मनरेगा ऑपरेटर सहित कई मनरेगा कर्मियों की मिलीभगत से मजदूरी के रुपए की हेराफेरी की गयी है। इस संबंध में लाभुकों ने बताया कि पीएम आवास योजना के तहत मजदूरी का करीब 20 हजार रुपए का भुगतान मनरेगा से किया जाता है जो कि लाभुक के खाता में जाता है। जानकारी के अनुसार, चार दर्जन से अधिक लाभुकों का लाखों रुपए का हेराफेरी हुआ है। अगर निष्पक्ष तरीके से मामले की जांच करा ली गयी तो कितने कर्मी नप जाएंगे।
ड्यूटी में तैनात डॉक्टर की सड़क दुर्घटना में हुई मौत
मेहरमा। संवाददाता। प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेहरमा में पदस्थापित डॉ. राकेश रंजन की मौत सड़क दुर्घटना में रविवार को हो गई। बताया जाता है कि डॉ. राकेश रंजन को सावन माह में देवघर मेले में चिकित्सक के पद पर बासुकीनाथ जरमुंडी में 03 जुलाई से ड्यूटी में तैनात किया गया था। रात्रि ड्यूटी कर रविवार को दुमका की ओर जा रहे थे। उसी समय जामा थाना क्षेत्र के असंथर मोड़ के समीप बाइक दुर्घटना में मौत हो गई। डॉ. राकेश रंजन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेहरमा में 2012 से चिकित्सक के पद पर पदस्थापित थे। मृतक डॉक्टर की पत्नी का नाम चेतना देवी है। जिनसे दो पुत्र है जो मूल रूप से मेहरमा- गोविंदपुर के रहने वाले थे।
बकरी चोरी कर भाग रहा चोर धराया, गया जेल
मेहरमा। संवाददाता। स्थानीय थाना के द्वारिका कीता गांव से बकरी चुरा कर भाग रहा तीन चोर को पकड़ कर ग्रामीणों ने पुलिस के हवाले कर दिया। जिसे मेहरमा पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, तीनों बकरी चोर, द्वारिकाकीता गांव से बकरी चुरा कर कर भाग रहा था। उस चोर को ग्रामीणों ने खदेड़ कर सुड़नी मोड़ के पास रोका जहां दो चोर को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। चोर का मास्टर माइंड भागने में कामयाब रहा। हालांकि गिरफ्तार दोनों बकरी चोर की निशानदेही पर मास्टरमाइंड अरबाज अंसारी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जेल भेजे गए चोर का नाम जावेद अंसारी, राहुल मंडल, अरबाज अंसारी बताया जा रहा है जो डोय पंचायत के हरिपुर गांव का रहने वाला है।
नदी के तेज बहाव में बहे किशोर का शव हुआ बरामद
हनवारा। संवाददाता। हनवारा थाना क्षेत्र के विश्वासखानी गेरुआ नदी में बीते शनिवार को नहाने गए एक 14 वर्षीय नाबालिग तेज बहाव में बह गया था। नाबालिग डूबने के बाद लगभग दर्जनों ग्रामीणों ने नदी में खोजबीन की थी। लेकिन उनका शव बरामद नहीं किया गया था। जिसके बाद रविवार देर शाम करीब 04 बजे घटना स्थल पर शव को खोजने एनडीआरएफ की टीम पहुंची थी। लेकिन तब बिहार के अमडंडा थाना क्षेत्र के गेरुआ नदी में एक शव मिलने की सूचना दी गयी। जिसकी पहचान सूरज स्वर्णकार के रूप में की गयी। ज्ञात हो कि साहेबगंज निवासी शंभू स्वर्णकार का 14 वर्षीय पुत्र सूरज स्वर्णकार अपने नाना के घर हनवारा थाना क्षेत्र के विश्वासखानी गांव निवासी स्व. कादरी साह के यहां श्राद्ध कर्म में आया था। शनिवार को दोपहर घर में खोजने के बाद नहीं मिलने पर स्वजनों ने घंटों बाद नाबालिग की खोजबीन शुरू की। जिसके बाद ग्रामीणों ने नदी की तरफ जाने की बात स्वजनों को बताया था। नाबालिग के स्वजन नाबालिग को खोजते हुए विश्वासखानी गेरुआ नदी पहुंचे, जहां नदी के किनारे कपड़ा पड़ा हुआ था। जिससे अनुमान लगाया गया कि नाबालिग नहाने नदी में गया होगा। फिर क्या था ग्रामीणों ने नदी में कूद कर खोजबीन शुरू कर दिया लेकिन रविवार दोपहर तक शव का पता नहीं लग पाया था। हालांकि महागामा सीओ रंजन यादव ने एनडीआरएफ की टीम को शनिवार को ही सूचना देकर आने के लिए कहा था। जिसके बाद रविवार को रांची से एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची। लेकिन एनडीआरएफ टीम के पहुंचते ही बिहार के अमडंडा थाना क्षेत्र में नाबालिग का शव बरामद होने की सूचना मिली। जिसके बाद शव बरामद की सूचना मिलते ही नाबालिग के स्वजन अमडंडा गेरुआ नदी चले गए। इधर एनडीआरएफ की टीम को विश्वासखानी गेरुआ नदी घटनास्थल पर पहुंचते ही आसपास के सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। वहीं मौके पर सीओ रंजन यादव, हनवारा थाना प्रभारी रोशन कुमार, विश्वासखानी पंचायत समिति सदस्य मुकेश सिंह एव पुलिस बल सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।