किसानों को सौगात देने आज आ रहे हैं मुख्यमंत्री
- 524 करोड़ की लागत से अति महत्वाकांक्षी लिफ्ट सिंचाई योजना का होगा शिलान्यास
दिलीप मेहता/चितरा। सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज (मंगलवार) को प्रखंड के सिकटिया पहुंच रहे हैं। जहां सिकटिया अजय बराज से किसानों को एक बड़ी एवं महत्वाकांक्षी योजना का सौगात देंगे। 524 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण होने वाले मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना की आधारशिला आज मुख्यमंत्री रखेंगे। इस योजना की शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधिवत भूमि पूजन के साथ शिलान्यास करेंगे। इसके लिए सारी प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है। साथ ही शिलान्यास समारोह के बाद यहां की जनता को मुख्यमंत्री संबोधित भी करेंगे। यह शिलान्यास आयोजन आम जनता को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की उद्देश्य के साथ साथ सारठ विधानसभा की राजनीति को आगामी चुनाव के लिए एक नई दिशा देने का भी काम किया जायेगा।
क्या है मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना : 524 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण होने वाले मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना का लाभ देवघर व जामताड़ा जिला के चार प्रखंडों के किसानों को मिलेगा। जिसमें मुख्य रूप से देवघर जिला के सारठ व करौं एवं जामताड़ा जिला के विद्यासागर तथा जामताड़ा प्रखंड के आंशिक भू-भाग शामिल है। इस योजना द्वारा पंप मोटर से भूमिगत पाइप लाइन के जरिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस योजना को तीन वर्षों में पूरा किया जाना है। जिसके फलस्वरूप संबंधित प्रखंडों के 24 पंचायतों के 13,164 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही किसी कालखंड में अधिक वर्षा होने के फलस्वरूप खेतों में जल की आवश्यकता सीमित होने की स्थिति में जल को डाइवर्ट कर निकटवर्ती जलाशयों में पानी स्टोर किया जायेगा, जिससे मवेशियों एवं अन्य कार्यों के लिये ग्रामीणों को तालाबों के माध्यम से जल की आपूर्ति की जा सके।
निकट भविष्य में सिंचाई सुविधा के लिए किसानों में जगी है आस : मुख्य रूप से सिंचाई सुविधा देने के उद्देश्य इस सिकटिया अजय बराज का निर्माण हुआ था, जो वर्ष 2012 में झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा उद्घाटन किया गया था। अजय बराज का निर्माण उद्देश्य के अनुसार कृषि योग्य क्षेत्र 41,334 हेक्टेयर है। जिसमें खरीफ सिंचाई क्षेत्र 36,460 हेक्टेयर, रबी सिंचाई क्षेत्र 4052 हेक्टेयर है। वहीं मुख्य नहर की लंबाई 110.80 किलोमीटर है। इस नहर के माध्यम से किसानों के संबंधित कृषि क्षेत्र वाले भू भाग में किसान अपने स्तर से खेतों में पटवन कर सकते हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर अगर देखा जाय तो इस अजय बराज से किसानों को उतनी सिंचाई सुविधा नहीं मिली, जितनी उम्मीद की गई थी। इसके विपरित सिकटिया ग्राम के किसानों की नहर से सटे दर्जनों उपजाऊ वाले खेत नहर से रिसने वाली पानी के कारण खरीफ फसल की खेती के समय दलदल में तब्दील हो जाती है, जिससे संबंधित खेतों के किसान खरीफ फसल की खेती से वंचित रह जाते हैं। बहरहाल अब इस नई सिंचाई योजना से एक बार फिर से किसानों में एक नई उम्मीद जगी है और आने वाले भविष्य में यह तय किया जायेगा कि निर्माण होने वाले मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना से क्षेत्र के किसानों को कितना लाभ और कितना नुकसान हो सकता है।