मधुपुर/संवाददाता। स्थानीय भेड़वा स्थित राहुल अध्ययन केन्द्र में भारतरत्न डॉ. एपीजे कलाम स्मृति दिवस पर याद किये गये। मौके पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
मौके पर जनवादी चिंतक, साहित्यकार धनंजय प्रसाद ने विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि डॉ. कलाम भारत को एक विकसित राष्ट्र के रुप में देखना चाहते थे, इसके लिए उनके योजनाएं थी। वे देश के पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने देश के सर्वोच्च पद पर सुशोभित किये। हालांकि उनका कद पद से भी उंचा था। वे कठिन संघर्ष करके बुलन्दियों को चूमे। उन्होंने देश को परमाणु संपन्न बनाये। मिसाइल मैन के नाम से प्रख्यात हुये। वैज्ञानिक शोध के अलावे उनकी रुचि संगीत, साहित्य व बच्चों के उत्थान में रही थी। उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हुई है, जिसमें प्रमुख है विंग्स ऑफ फायर, इंडिया 2020, ए विजन फॉर द मिलेनियम मईजनी, अनलीशिंग पावर विदिन द इंडिया आदि है। उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारतरत्न, पदम् विभूषण, पद भूषण के अलावा अनेकों सम्मान से नवाजा गया। उन्हे देश के कई विश्वविद्यालयों के द्वारा मानद डाक्टरेड की उपाधियों से अलंकृत किया गया। 27 जुलाई 2015 को हमारे बीच से सदा के लिए अलविदा हो गये। ऐसे शख्सियत को स्मृति दिवस पर स्मरण करना लाजिमी है। अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे।
आईसीटी विषय पर 10 दिवसीय प्रशिक्षण का समापन
सोनारायठाढ़ी/संवाददाता। जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के आलोक में जिले के 114 चयनित विद्यालय में आईसीटी योजना के तहत आच्छादित विद्यालय के शिक्षको को आईिसटी विषय पर 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। वही प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विधालय मगडीहा में द्वितीय बेच में 50 प्रतिशत शिक्षकों को 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनर द्वारा स्मार्ट क्लासेस, कंप्यूटर संचालन, आईसीटी लेब का स्मार्ट वर्ग कक्षा में उपयोग, इंटरनेट से संबंधित जानकारी दी गयी। वही अंतिम दिन गुरुवार को कंप्यूटर आधारित परीक्षा ली गयी। मौके पर शिक्षिका सावित्री हांसदा, सुनिता कुमारी, माला कुमारी समेत अन्य मौजूद थे।
प्रधानमंत्री श्री योजना से विकसित होगा मधुपुर का केंद्रीय विद्यालय
- अत्याधुनिक सुविधा से लैस होगा विद्यालय
मधुपुर/संवाददाता। केन्द्रीय विद्यालय मधुपुर का प्रधानमंत्री श्री योजना के तहत चयन किया गया है। इस योजना के तहत केंद्रीय विद्यालय मधुपुर को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसकी जानकारी विधालय प्रभारी प्राचार्य सहदेव दास ने दिया है। उन्होंने बताया कि 30 राज्यों के 6448 केन्द्रीय विद्यालयो के प्रधान मंत्री श्री योजना से जोडा गयां है। जिसमे मधुपुर विद्यालय शामिल है।
बताया कि तकरीबन 50 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। स्वच्छ और शांत वातावरण में पढ़ाई लिखाई हो इसकी व्यवस्था पर जोर दिया गया है। कक्षा 6 से कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य है। विद्यालय में 3 से 4 वर्ष के बच्चों को बाल वाटिका में खेलकूद के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। विद्यालय के बाल वाटिका बच्चों का नामांकन हो चुका है। कहा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू करने में शिक्षक की भूमिका अहम है। शिक्षकों से छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान देने की अपेक्षा की जाती है। जिसमें उनके संज्ञानात्मक, भावनात्मक, शारीरिक और सामाजिक कल्याण शामिल हैं। शिक्षा इस प्रकार दी जाए कि क्षेत्र की भाषा की जानकारी जरूर हो। एक से पांच तक के बच्चों को क्षेत्रीय भाषा की जानकारी जरूर होनी चाहिए। शिक्षा और प्रारंभिक बचपन की देखभाल, शिक्षा में प्रौद्योगिकी को शामिल करने, बच्चों के भावनात्मक और मानसिक भलाई के पहलुओं को शामिल किया जाना सराहनीय है। वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय मधुपुर में 464 छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राएं अब 18 वर्ष की उम्र में 12 वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करेंगे।