बासुकीनाथ/निज संवाददाता। राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव-2023 के दूसरे दिन 25,475 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारी नाथ पर जलार्पण किया। अपेक्षाकृत कम भीड़ होने के कारण कांवरिया आराम से पूजा एवं जलापर्ण कर रहे थे। कम भीड़ होने के बावजूद शीघ्र दर्शनम का रसीद कटवाकर 393 श्रद्धालुओं ने वीआईपी के रूप में बिना कतार में लगे गर्भगृह में प्रवेश कर जलार्पण किया है। इस वर्ष बासुकीनाथ मंदिर परिसर में लगाये गये टाईल्स के उपर कार्पेट नहीं बिछाया गया है। बुधवार को तेज धुप में मंदिर परिसर के टाईल्स काफी गर्म हो गये थे जिस कारण कांवरियों का पैर जल रहा था। विगत वर्षों में टाईल्स पर कारपेट बिछा कर उसपर पानी का फुहार छोड़ा जाता रहा है ताकि कांविरयों का पैर नहीं जल पर इस वर्ष अबतक यह व्यवस्था नहीं शुरू की गयी है। बुधवार को शीघ्र दर्शनम से 1,17,900 रुपये,गोलक से 1,06,580 रुपये प्राप्त हुए। चांदी का सिक्का 10 ग्राम का 4 पीस बिक्री हुआ तथा गोलक से 1 किलो 415 ग्राम चांदी प्राप्त हुआ।
बासुकीनाथ श्रावणी मेला को लेकर एसपी ने की पुलिस पदाधिकारियों संग बैठक
बासुकीनाथ/निज संवाददाता। बासुकीनाथ मंदिर परिसर स्थित प्रशासनिक भवन के सभागार में बुधवार को पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा की अध्यक्षता में पुलिस पदाधिकारियों की आवश्यक बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में श्रावणी मेला में विधि व्यवस्था संधारण को लेकर विभिन्न मुद्दों पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई। बैठक में पुलिस अधीक्षक ने श्रावणी मेला में प्रतिनियुक्त सभी पुलिस पदाधिकारियों से सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की प्राथमिकता देने की बात कही। पुलिस अधीक्षक ने सभी पुलिस पदाधिकारी से कहा की यात्रा के दौरान अगर किसी श्रद्धालु की वाहन खराब हो गई हो तो उसे दुरुस्त कर संचालित कर उन्हें सकुशल विदा करें। पुलिस अधीक्षक ने गठित आवासन समिति को श्रावणी मेला के सफल आयोजन को लेकर आए पुलिस पदाधिकारियों के आवासन व्यवस्था को सुदृढ एवं उत्कृष्ट करने का निर्देश दिया।
बंदोबस्त न्यायालय के आदेश की अभिप्रमाणित छायाप्रति देने पर रोक
दुमका/नगर संवाददाता। ‘बंदोबस्त पदाधिकारी ने बंदोबस्त कार्यालय के अन्तर्गत विभिन्न न्यायालयों द्वारा जारी किये जा रहे आदेश की अभिप्रमाणित प्रति को निर्गत करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। बंदोबस्त पदाधिकारी सुनील कुमार द्वारा बुधवार को एक आदेश जारी करते हुए पूर्व में दिनांक 09/09/2016 को जारी कार्यालय आदेश ज्ञापांक 687-2 को तत्काल प्रभाव से विलोपित कर दिया है। पूर्व के उक्त आदेश के तहत विभिन्न बंदोबस्त न्यायालयों को उनके द्वारा पारित किए गए आदेश की अभिप्रमाणित प्रति निर्गत करने की शक्ति प्रदान की गयी थी। लेकिन लगातार उपरोक्त प्रावधान के दुरूपयोग की शिकायत मिल रही थी। बुधवार को भी बंदोबस्त पदाधिकारी को दो मामलों में पारित किए गए मूल आदेश में छेड़छाड़ कर आदेश के दुरूपयोग की शिकायत मिली थी जिसमे बंदोबस्त न्यायालय द्वारा पारित आदेश में छेड़छाड़ कर बदलाव किया गया था। इसके उपरांत बंदोबस्त पदाधिकारी ने समीक्षा के उपरांत पूर्व के आदेश को विलोपित करते हुए बंदोबस्त न्यायालयों द्वारा जारी किये जा रहे आदेश की अभिप्रमाणित छायाप्रति देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब मामलों से संबंधित पक्षकारों को आदेश की अभिप्रमाणित प्रति लेने के लिये प्रतिलिपि प्रशाखा में विहित प्रपत्र में आवेदन करना होगा।
आपसी विवाद में लाठी-डंडा से पीट स्वास्थ्य सहिया को किया जख्मी
दुमका/निज संवाददाता। आपसी विवाद में स्वास्थ्य सहिया रचना देवी को रिश्तेदारों ने लाठी-डंडे से मारपीट कर गंभीर रुप से जख्मी कर दिया है। सहिया रचना देवी का इलाज दुमका के फुलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। यह घटना रविवार को शहर के नयापाड़ा मुहल्ले में हुई थी। रचना देवी स्वास्थ्य सहिया है और उसके पति भरत पाठक सिलाई का काम करते है। महिला का आरोप है कि गोतिया उनके जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे है। गोतिया काफी दबंग है। उसने बताया कि रविवार को वह अपने घर में बच्चों के साथ थी और पति किसी काम से बाहर गए थे। इसी बीच गोतिया के लक्ष्मण पाठक, विकास पाठक, विशाल पाठक एवं संजू देवी घर में आ धमके और लाठी-डंडे से मारपीट शुरू कर दी गई। बच्चे जब बचाने के लिए सामने आए तो उनकी भी पिटाई की गई। ये लोग रचना देवी के बाल को पकड़कर घर से घसींटते हुए बाहर लेकर आए और लात-घुसे से उनकी पिटाई की। किसी ने बचाने का भी प्रयास नहीं किया। आरोपियों ने घर के सामानों को तितर-बितर कर दिया। सिलाई मशीन के ऊपर रखे पर्स से 5 हजार रुपया निकाल लिया गया। इस घटना से वह काफी डरी और सहमी हुई है। वह घर नहीं जाना चाहती है। रचना देवी ने नगर थाना की पुलिस पर भी आरोप लगाया है कि पति जब गोतिया के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाना गए तो पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही थी। काफी मिन्नत व आरजू के बाद एफआईआर दर्ज किया गया, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोपियों के भय के कारण वह घर नहीं जाना चाह रही है। इस मामले में एसपी एवं डीएसपी से भी शिकायत की है और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
रेलवे के निर्माणाधीन ब्रिज का डायवर्सन गड्ढे में तब्दील
सरैयाहाट/निज संवाददाता। हँसडीहा दुमका मुख्य मार्ग स्थित रामगढ़ मोड़ के समीप रेलवे क्रॉसिंग के पास बनाये गए डायवर्सन में हल्की बारिश की वजह से जगह जगह गड्ढे हो जाने की वजह से इस मार्ग से होकर गुजरने वाले वाहनों को का़फी दयनीय स्थिति से होकर गुजरना पड़ता है। इसी मार्ग से होकर सावन में भागलपुर से जल लेकर बासुकीनाथ जाने वाले काँवरिया गुजरते है। साथ ही सावन के प्रत्येक रविवार को हजारों की संख्या में डाक काँवरिया भी इस होकर बासुकीनाथ जाते है। ऐसे में डायवर्सन पर बने गड्ढे उनकी राह में कांटे से कम नहीं। डायवर्सन में बने गड्ढे की वजह से कांवरियों को कोई कठिनाई न हो इसके लिए बुधवार को हँसडीहा पंचायत समिति सदस्य बदरी महतो रेलवे के ओवरब्रिज निर्माण करा रहे कॉन्ट्रेक्टर के प्रोजेक्ट इंचार्ज अपूर्व प्रामाणिक से मिल अविलम्ब डायवर्सन के गड्ढे को भरने का अनुरोध किया। महतो ने प्रोजेक्ट इंचार्ज को बताया की इस मार्ग से होकर काँवरिया गुजरते है डायवर्सन के देख रेख की जिम्मेदारी रेलवे की है। ऐसे में वह अपनी जिम्मेवारी को ध्यान में रखते हुए कार्य करें। बदरी महतो ने बताया की रेलवे के प्रोजेक्ट इंचार्ज को उन्होंने गड्ढे को भरने के साथ साथ कांवरियों की सुविधा के लिए एक छोड़ में डस्ट बिछाने का सुझाव दिया है। अगर रविवार से पूर्व गड्डे को नहीं भरा गया तो वह इसकी शिकायत उच्च अधिकारीयों से करेंगे।
जलमीनार बंद होने व चापानल खराब रहने से पेयजल संकट गहराया
मसलिया/निज संवाददाता। प्रखंड के ग्राम पंचायत मसानजोर के गुटीडीह टोला स्थित जलमीनार बंद होने चापाकल खराब रहने से पेयजल संकट गहराया हुआ है। जिसको लेकर बुधवार को ग्रामीण महिलाओं ने खाली बाल्टी रखकर विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। बताया कि तकरीबन एक महीने से टोले के 50 घरों को काफी परेशानी हो रही है। इस वर्षा काल में बारिश नहीं होने से एक ओर जहां तालाब कुंवें सूखा पड़ गया है तो वहीं चापाकल में जलस्तर घट जाने से बंद हो गया है। गांव के इस टोलेवासियों के पेयजलापूर्ति के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से लगभग 18 लाख की लागत से 12 हजार लीटर क्षमता वाली टंकी का निर्माण दुमका के संवेदक अरबी खातून ने कराया है लेकिन जलमीनार चालू होने के एक महिने के भीतर हाथी का दांत साबित हो गया है। ग्रामीण तो इसे बस शोभा की वस्तु ही मान रहे हैं। जिस जगह जलमीनार का बोरिंग कराया गया वहां का पानी को ऊपर टंकी तक ले जाने के लिए उनके मुताबिक उतनी वाट क्षमता का मोटर नहीं लगाया गया है जिस कारण टंकी में पानी पूरा भर ही नहीं पा रहा है। ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि टंकी महज देखने के लिए बनाया गया है। एक ही चापाकल है जिसमें रात से लाइन लगाना पड़ता है। मौके पर मंजला देवी, अमला देवी, रुक्मिणी देवी पुष्पा पदीया देवी आदि मौजूद थे। इस मामले में संवेदक अरबी खातून व जेई रामकुमार उरांव के मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन प्रयास विफल रहा।