जमुई पुलिस को मिली बड़ी सफलता
कई संगीन मामलों में थी वांछित
जमुई। संवाददाता। जिले की पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान के तहत बड़ी सफलता हाथ लगी है। चकाई थाना क्षेत्र की पंद्रह वर्षों से फरार नक्सली सरिता सोरेन उर्फ सीता सोरेन को पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया है। इस बात की जानकारी पुलिस अधीक्षक मदन कुमार आनंद ने शनिवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 07 जून 2025 को उन्हें सूचना मिली कि चकाई थाना कांड संख्या-175/21 की वांछित सरिता सोरेन, ग्राम करमा (थाना-झाझा) में मौजूद है। उक्त सूचना के आधार पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी झाझा के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी दल का गठन किया गया, जिसमें झाझा पुलिस, चकाई थाना, एसटीएफ और जिला आसूचना इकाई के सदस्य शामिल थे। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ग्राम-करमा में घेराबंदी कर सरिता सोरेन को उसके मायके स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार नक्सली सरिता सोरेन चकाई थाना कांड संख्या-175/21 में नामजद है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 341, 323, 302, 120बी, 307 सहित आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-बी)ए/26/27/35 तथा यूएपीए की धारा 16(1)(ए)/16(ए)/18/18(बी)/20/22/23 के तहत मामला दर्ज है। इसके अलावा वह चकाई थाना कांड संख्या 20/2010 की भी वांछित अभियुक्त है। इस मामले में सरिता और उसके सहयोगियों पर अर्जुन हेम्ब्रम एवं उनके ससुर चतुर हेम्ब्रम की हत्या का आरोप है। आरोपियों ने हरवे-हथियार से लैस होकर दोनों को घर से खींच कर बाहर निकाला और मारपीट करते हुए गोली मार दी थी। छापामारी दल में झाझा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजेश कुमार, चकाई थाना प्रभारी राकेश कुमार, चकाई पुलिस अवर निरीक्षक बृजलाल प्रसाद, चकाई पुलिस अवर निरीक्षक आलो रानी गाईन, जमुई एसटीएफ टीम, जमुई जिला आसूचना इकाई, झाझा थाना पुलिस पदाधिकारी एवं सशस्त्र बल शामिल रहे। पुलिस अधीक्षक मदन कुमार आनंद ने बताया कि नक्सलियों और अपराधियों के विरुद्ध अभियान तेज़ी से जारी है। उन्होंने छापामारी में शामिल सभी पदाधिकारियों और जवानों को सराहना प्रकट की और कहा कि जिले को नक्सलमुक्त बनाने के लिए पुलिस प्रतिबद्ध है।
जमुई शहर के चुनिंदा इलाकों को चार घंटा नहीं मिलेगी बिजली
टाउन फीडर नंबर चार का होगा मरम्मत
जमुई। संवाददाता। नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत शीतला कॉलोनी, वीआईपी कॉलोनी, डीएम आवास, कचहरी रोड और महाराजगंज से जुड़े सभी बाजार तथा घरों को 08 जून यानी रविवार को 04 घंटा बिजली नहीं मिलेगी।
सहायक अभियंता ई.मिथलेश कुमार ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि जमुई टाउन के फीडर नंबर चार का सामयिक मरम्मत किया जाना है। तकनीकि मरम्मत से विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार होगा। मरम्मत कार्य के चलते जमुई शहर के अंकित इलाकों में पूर्वाह्न 08:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक बिजली का प्रवाह बंद रहेगा। उन्होंने जमुई टाउन नंबर चार फीडर की सेहत के लिए मरम्मत कार्य को अत्यंत जरूरी बताते हुए कहा कि उपभोक्ता इस दौरान होने वाली बिजली कटौती को ध्यान में रखकर जरूरी कार्य निपटा लें ताकि अतिरिक्त कठिनाई का सामना करना नहीं पड़े। श्री कुमार ने उपभोक्ताओं से मरम्मत कार्य के दौरान विभाग को यथोचित सहयोग दिए जाने का आग्रह किया।
जमुई जिले में धूमधाम से मनाया गया बकरीद पर्व
नमाज के बाद एक-दूसरे को शांति और सद्भाव की दी गई शुभकामनाएं
जमुई। चकाई। संवाददाता। जिले भर में बकरीद का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। बकरीद को ईद-उल-अजहा अथवा ईद उल बकरा के नाम से भी जाना जाता है। मुस्लिम समुदाय का यह बड़ा त्योहार न केवल त्याग और इंसानियत का पैगाम देता है, बल्कि अल्लाह की राह में खुद को भी समर्पित करने का जज्बा पैदा करता है। इस्लाम धर्म में इसे कुर्बानी का त्योहार भी कहा जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, हर साल की ईद की तारीख चांद की स्थिति पर आधारित होती है। ज़ुलहिज्जा की 10वीं तारीख को ईद-उल-अजहा मनाई जाती है, जो कि रमजान खत्म के 70 दिन बाद आता है। ईद-उल-अजहा की कहानी हजरत इब्राहिम से जुड़ी है, जिसमें वे अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे हजरत इस्माईल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे। लेकिन खुदा ने उन्हें एक जानवर दे दिया था। इसलिए इस दिन एक बकरी या अन्य जानवर की कुर्बानी दी जाती है। बकरीद पर सबसे अहम रस्म होती है कुर्बानी। इस कुर्बानी के जरिए यह संदेश दिया जाता है कि अल्लाह की राह में कुछ भी कुर्बान करने का जज्बा रखना चाहिए। ईद-उल-अजहा हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। इस दिन इस्लाम धर्म के लोग किसी जानवर की कुर्बानी देते हैं। इस्लाम में सिर्फ हलाल के तरीके से कमाए हुए पैसों से ही कुर्बानी जायज मानी जाती है। कुर्बानी का गोश्त अकेले अपने परिवार के लिए नहीं रख सकता है। इसके तीन हिस्से किए जाते हैं। पहला हिस्सा गरीबों के लिए होता है। दूसरा हिस्सा दोस्त और रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा अपने घर के लिए होता है। इस्लाम में ऐसे जानवरों की कुर्बानी ही जायज मानी जाती है जो जानवर सेहतमंद होते हैं। अगर जानवर को किसी भी तरह की कोई बीमारी या तकलीफ हो तो अल्लाह ऐसे जानवर की कुर्बानी से राजी नहीं होता है।
ईद-उल-अजहा यानी बकरीद सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि खुशी, मेलजोल और इंसानियत का भी प्रतीक है। भारत सहित कई देशों में बकरीद के दिन की शुरुआत ईद की नमाज से होती है। लोग इस दिन नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे को ईद मुबारक कहते हैं और तोहफे तथा मिठाइयां बांटते हैं। घरों में स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन लोग अपने अजीज को शांति और सद्भावना का मुबारकबाद देकर उनके दिल में खुशी का चिराग रोशन करते हैं। ईद के मौके पर गरीबों को दान दिया जाता है।
जमुई शहर समेत पूरे जिले में बकरीद परंपरागत ढंग से मनाया गया है। मुस्लिम बाहुल्य इलाका नीमारंग एवं आस-पास के क्षेत्रों के लोग सूरज की पहली किरण फूटते ही ईदगाह का रुख किया और देखते ही देखते नमाजियों से पूरा मैदान भर गया। नमाज नीयत समय सुबह 07:00 बजे शुरू हुआ। नमाज अदायगी के बाद लोग एक-दूसरे से गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी। जमुई शहर सहित पूरे जिले के मस्जिदों में भी बकरीद की नमाज पढ़ी गई और अमन एवं खुशहाली की दुआ मांगी गई। नमाज के बाद कुर्बानी का सिलसिला आरंभ हुआ जो 09 जून तक जारी रहेगा।
जिला कलेक्टर श्री नवीन और पुलिस अधीक्षक मदन कुमार आनंद बकरीद का त्योहार अमन और मिल्लत के माहौल में मनाए जाने की बात कही है। पदस्थ द्वय पल प्रति पल की जानकारी रख रहे हैं। डीएम और एसपी ने बकरीद धूमधाम से मनाए जाने पर खुशी का इजहार किया है।
उधर एसडीएम सौरभ कुमार, नगर थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार आदि पदस्थ सदल-बल के साथ देय दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करते देखे गए। ईदगाह में नमाज के वक्त पदस्थ द्वय सजग और सचेत नजर आए। परिणामस्वरूप नमाज अमन के माहौल में संपन्न हुआ। नगर परिषद के मुख्य पार्षद मो. हलीम भी सक्रिय दिखे। वे भी लोगों को शुभकामना देते नजर आए। जिला प्रशासन की सजगता के चलते बकरीद पर्व अमन के माहौल में गतिमान है।
चकाई संवाददाता के अनुसार, चकाई प्रखंड में बकरीद त्यौहार को लेकर मुसलमान भाइयों में काफी उत्साह देखा गया। मुसलमान भाईयों ने मस्जिदों में जाकर नमाज अदा की। बकरीद की नमाज अदा करने के बाद लोगों ने घरों में सेवइयां और मिठाई खाकर पर्व मनाया। साथ ही, अल्लाह के हुक्म को मानते हुए अल्लाह की रजा के लिए कुर्बानी दी। साथियों व रिश्तेदारों से मिलकर बकरीद पर्व की बधाइयां दी। छोटे-छोटे बच्चे नए-नए कपड़े पहन कर ईद पर्व की खुशियां मनाते दिखे। इस दौरान पुलिस की कड़ी चौकसी देखी गयी। प्रखंड के बंधा, तीनचुंआ, गौरसोती, सतभइया, चंद्रमंडीह, कौड़ाडीह, पीपरापघार, भलसुंभा, दुलमपुर, पसराटांड़, कठवारा, चकाई जामा मस्जिद, सरौन आदि जगहों के मस्जिदों में मुसलमान भाईयों ने नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे से गला मिल कर मुबारक बाद दिया एवं अमन चैन, भाईचारे व सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की और सभी के लिए नेक दुआएं मांगी। यह त्योहार भाईचारा एकता का प्रतीक है। बकरीद को लेकर चकाई बीडीओ कृष्ण कुमार, चकाई थानाध्यक्ष राकेश कुमार, चंद्रमंडीह थानाध्यक्ष गजेंद्र यादव, बीचकोड़वा थानाध्यक्ष राहुल कुमार, चिहरा थानाध्यक्ष कुंज बिहारी कुमार अपने दलबल के साथ मुस्तैद दिखे।
मंत्री ने सोनो में अतिथि गृह भवन का किया उद्घाटन
सोनो। संवाददाता। प्रखंड मुख्यालय के समीप दो करोड़ 11 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित निरीक्षण अतिथि गृह भवन का उद्धाटन शनिवार को बिहार सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री व स्थानीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने फीता काट कर किए। मौके पर उपस्थित सोनो प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद मोईनुद्दीन, सोनो अंचलाधिकारी सुमित कुमार, सोनो थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह भी मौजूद थे। मंत्री सुमित कुमार सिंह ने नवनिर्मित भवन का जायजा भी लिया। उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा भवन बनाया गया है, सोनो में अतिथि गृह भवन नहीं रहने से यहां से लोगों को 10 से 15 किलोमीटर की दूरी तय रूकते थे, उनके ठहरने में दिक्कत होती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से यहां अतिथि गृह भवन बनाया गया है। इस भवन में ठहरने की अच्छी व्यवस्था होगी, यहां हर तरह की सुविधाओं का ख्याल रखा गया है। अतिथि गृह भवन के समीप प्रखंड कार्यालय व थाना भी नजदीक भी है।
पैक्सों और व्यापार मंडलों में हुआ 6,158 गोदामों का निर्माण
गोदाम निर्माण योजना से किसानों के जीवन में आ रही खुशहाली
पैक्सों-व्यापार मंडलों में गोदामों के निर्माण से अर्थव्यस्था को मिलेगी गति
200, 500 और 1000 मीट्रिक टन है इन गोदामों की क्षमता
पटना। संवाददाता। बिहार सरकार का सहकारिता विभाग किसानों को सशक्त करने और उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए लगातार काम कर रहा है। विभाग की योजनाएं किसानों की जिंदगी में नया सबेरा लेकर आ रही हैं। हाल के वर्षों में विभाग ने कृषि उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए है। इसी कड़ी में राज्य के पैक्सों और व्यापार मंडलों में विभाग गोदामों का निर्माण करवा रहा है।
विभाग की गोदाम निर्माण योजना के तहत अब तक राज्य के पैक्सों एवं व्यापार मंडलों में अब तक 6,994 गोदामों के निर्माण को स्वीकृति मिल चुकी है, जिनमें से 6,158 पूरी तरह बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 836 गोदामों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। 6,158 गोदामों का निर्माण कार्य पूर्ण होने से राज्य में करीब 16.9135 लाख मिट्रिक टन भंडारण क्षमता सृजित हुई है। राज्य सरकार के सहकारिता विभाग ने यह उपलब्धि पैक्सों के माध्यम से हासिल की है। राज्य में इतनी बड़ी संख्या में गोदामों के निर्माण से ग्रामीण अर्थव्यस्था को गति मिलेगी।
योजना के तहत 200, 500 और 1000 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों का निर्माण किया जा रहा है। गोदाम निर्माण के लिए 50 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में और 50 प्रतिशत चक्रीय पूंजी के रूप में (ब्याज सहित) प्रदान की जाती है। चक्रीय पूंजी की वापसी 10 वर्षों में 20 अर्द्धवार्षिक किस्तों में की जाएगी। सरकारी भूमि को निर्माण के लिए प्राथमिकता दी जा रही है। गोदाम निर्माण की लागत में भी संशोधन किया गया है, अब 1,000 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम की लागत 72.67 लाख रुपये, 500 मीट्रिक टन वाले की 34.59 लाख रुपये और 200 मीट्रिक टन वाले की 17.12 लाख रुपये निर्धारित की गई है। गोदाम निर्माण की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिला स्तर पर निगरानी की जाती है। जिला पदाधिकारियों द्वारा नियुक्त अभियंताओं के माध्यम से निर्माण कार्य का निरीक्षण किया जाता है। साथ ही, सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी नियमित रूप से स्थलों का दौरा करते हैं। धनराशि चार चरणों में जारी की जाती है, जिसमें प्रत्येक चरण के लिए निर्माण मानकों का पालन अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत राज्यभर में बनेंगे 649 नए पुल
पटना। संवाददाता। मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के अंतर्गत बिहार के सभी जिलों में कुल 649 नए पुलों के निर्माण को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। राज्य सरकार के इस कदम से ग्रामीण इलाकों में संपर्कता और आवागमन बेहतर होगा। सभी स्वीकृत पुलों के निर्माण पर अनुमानित रूप से 297712.077 लाख की लागत आएगी। योजना के तहत राज्य के सभी जिलों को शामिल किया गया है, जिसमें पूर्वी चंपारण को सबसे अधिक पुल निर्माण की स्वीकृति मिली है।
पूर्वी चंपारण में 54 पुलों का निर्माण किया जाएगा, जिनकी कुल लंबाई 1984.21 मीटर होगी। इन पर लगभग 20574.26 लाख खर्च होंगे। राजधानी पटना की बात करें तो यहां 14 पुलों का निर्माण प्रस्तावित है। इनकी कुल लंबाई 579.13 मीटर होगी, जिन पर अनुमानित 7203.72 लाख की लागत आएगी। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बीच संपर्क और सुगमता, किसानों को बाजार से जोड़ना, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना और ग्रामीण क्षेत्रों को उद्योगोन्मुखी बनाना है। इसके माध्यम से राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास को मजबूती मिल रही है।
उद्योग में भी बिहार की महिलाएं बन रहीं हैं आत्मनिर्भर
मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना समेत अन्य से 8787 महिलाओं को मिला लाभ
पटना। संवाददाता। बिहार सरकार महिलाओं को उद्योग स्थापित कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए अलग-अलग योजनाओं का लाभ दिया गया है। मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक प्रभावी पहल साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 8787 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं और उनके बीच कुल 608.91 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं को उद्यमिता के लिए प्रेरित करना, उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने या उसका विस्तार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना, तथा उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। योजना के तहत महिलाओं को परियोजना राशि के रूप में अधिकतम 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रुपये) तक की राशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में भी दी जाती है, जिसे 7 वर्षों में वापस करना होता है।
इतना ही नहीं, इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को कुल परियोजना लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रुपये) तक की राशि अनुदान के रूप में भी दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें व्यवसाय शुरू करने और उसे सफलतापूर्वक चलाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाता है। योजना के लाभार्थियों को मार्केट प्लेस पर अपने उत्पादों के प्रचार, बिजनेस सलाहकार की मदद, और अन्य प्रकार की सहायक सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं।
मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना का लाभ लेने के लिए महिला आवेदक को बिहार राज्य की स्थायी निवासी होना चाहिए। उसकी आयु 18 से 50 वर्ष के बीच की होनी चाहिए। इस योजना की एक विशेष बात यह भी है कि इसका लाभ ट्रांसजेंडर समुदाय को भी दिया जा रहा है।
योजना के तहत लाभान्वित महिलाओं केंद्र से शुरू किए गए व्यवसायों में सबसे अधिक लोकप्रिय क्षेत्र रेडीमेड गारमेंट्स, आटा, सत्तू और बेसन बनान, तथा नोटबुक और कॉपी बनाना हैं। ये क्षेत्र न केवल स्थानीय मांग को पूरा कर रहे हैं बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी सृजित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, बिहार लघु उद्यमी योजना और बिहार स्टार्टअप नीति के तहत भी क्रमश: 10963 और 226 महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
पढ़ाने की बजाए लगाया गप्प तो बॉर्डर एरिया में होगा ट्रांसफर
अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ की शिक्षकों को चेतावनी
पटना। संवाददाता। शिक्षा विभाग के साप्ताहिक कार्यक्रम शिक्षा की बात हर शनिवार के 17वें एपिसोड में अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शिक्षकों और अभिभावकों के कई सवालों का खुले मन से जवाब दिया।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से एक शिक्षक ने कहा कि उन्हें 70 हजार रुपये देकर मनचाही पोस्टिंग का झांसा दिया गया था। इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि अब ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी तरह स्वचालित और कोडेड सॉफ्टवेयर पर आधारित है। न डीईओ, न शिक्षक और न ही कोई अन्य व्यक्ति इसमें दखल दे सकता है। ये साइबर ठगी है लिहाजा सतर्क रहें।
किशनगंज के शिक्षक गोपाल प्रसाद राय ने समर कैंप में गणित सीखने की पहल की सराहना की। इस पर डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि यह बच्चों की लर्निंग कंटिन्यूटी बनाए रखता है। उन्होंने खुद भी कुछ समर कैंप में भाग लेने की इच्छा जताई।
वहीं, पटना के मृदहा टोली की निवासी नीना गुप्ता ने एसीएस को व्हाट्स एप पर शिकायत भेजी थी कि उनके बेटे के स्कूल में शिक्षक पढ़ाने नहीं आते हैं, गप्प लड़ाते हैं और बच्चे खाली बैठे रहते हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी जतायी और तत्काल जांच के आदेश दिए। उन्होंने दोषी शिक्षकों को बॉर्डर वाले इलाके में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया।
गोपालगंज की शिक्षिका राधिका शर्मा की शिकायत पर अपर मुख्य सचिव ने
स्पष्ट किया गया कि मेडिकल अवकाश के दौरान वेतन रोकना गलत है, जब तक वह नो पे लीव न हो। सभी वैध अवकाशों में वेतन भुगतान सुनिश्चित होगा। जांच के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए।
पूर्णिया के उत्क्रमित उच्च विद्यालय महावला के विज्ञान शिक्षक ने बताया कि उनके स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण बीते पांच सालों से अधूरा पड़ा है, जिससे लगभग 700 छात्र प्रभावित हैं। इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि यह अस्वीकार्य है। सोमवार को कार्यपालक अभियंता को निरीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
मधुबनी के एक नागरिक ने शिकायत की कि टोला सेवक और मरकज सेवक की कई सीटें रिक्त हैं लेकिन विभाग को शून्य रिक्ति की रिपोर्ट भेजी जा रही है, जिससे बहाली प्रक्रिया बाधित हो रही है। इसपर एसीएस ने कहा कि जहां उच्च न्यायालय में वाद लंबित नहीं हैं, वहां बहाली की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी। इस मामले की गंभीर समीक्षा अगले सप्ताह की जाएगी।
विशिष्ट शिक्षक सोनू मिश्रा ने वेतन में जिलावार भिन्नता की समस्या उठायी। इस पर एसीएस ने कहा कि प्राथमिक कार्य वेतन भुगतान सुनिश्चित करना है। विसंगतियों की जांच कर जल्द सुधार किया जाएगा और फिर जो भी एरियर बनेगा, हमलोग उसका भुगतान करेंगे।
डीएम पहुंचे भगवान महावीर की जन्म कल्याणक मंदिर जन्म स्थान
विधि विधान के साथ की पूजा-अर्चना
जमुई। संवाददाता। डीएम श्री नवीन भगवान महावीर की तीन कल्याणकों की पवित्र भूमि जन्मस्थान पहुंचे। यहां उन्होंने अष्ट प्रकारी पूजा विधि के तहत भगवान महावीर की पूजा अर्चना की। उन्होंने दर्शन-पूजन के दरम्यान जमुई में अमन-चैन के साथ सुख-समृद्धि की कामना की। श्री नवीन मौके पर जन्मस्थान के इतिहास की जानकारी ली। पूरे मंदिर परिसर का भ्रमण किया। जैन धर्मशाला में तीर्थ यात्रियों की अच्छी सुविधाओं को देखते हुए धर्मशाला प्रबंधन को काफी सराहा। वे पहाड़ों की गोद में बसे भगवान महावीर के मंदिर के साथ रमणीक स्थल को देखकर प्रफुल्लित हो उठे। कहा कि यह धार्मिक स्थल के साथ पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। इसका और विकास करना जरूरी है ताकि जन्मस्थान को लोग विश्व के मानचित्र पर देख सकें। उन्होंने कहा कि जन्मस्थान के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने पर यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा और वे ज्यादा सुखी होंगे।
जैन धर्मशाला के प्रबंधक और पुजारी ने डीएम को दर्शन पूजन में सहयोग किया। मंदिर की ओर से उनका सम्मान भी किया गया।
जिलाधीश जन्मस्थान में पूजा अर्चना के बाद गढ़ी डैम पहुंचे और इसकी वस्तु स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इसे जमुई जिला का वरदान बताते हुए कहा कि इसका भी पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जाना है।
एसडीएम सौरभ कुमार , ओएसडी नागमणि कुमार वर्मा , खैरा बीडीओ चंदन कुमार चक्रवर्ती समेत कई अधिकारी मौके पर उपस्थित थे। उधर डीएम के आगमन को लेकर नामित स्थानों पर सुरक्षा के खास प्रबंध किए गए थे। सुरक्षा प्रहरी चौक-चौराहों पर सजग और सचेत दिखे।
शोकाकुल परिवार से मिले राजद के पूर्व मंञी,बंधाया ढाढस और दी सान्त्वना। कई अन्य नेताओ व जनप्रतिनिधियो ने भी शोक संतप्त परिजन से मिले।
अलीगंज। बीते दिनो इस्लामनगर अलीगंज प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि मुकेश यादव के भतीजे व चालक पप्पू यादव की सड़क दुर्घटना मे दर्दनाक मौत हो गया था। घटना की खबर मिलने के बाद राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंञी विजय प्रकाश, राजद जिलाअध्यक्ष ञिवेञी यादव, लोजपा आर नेता सह पूर्व सिकंदरा विधानसभा प्रत्याशी रविशंकर पासवान ,पूर्व जिप अध्यक्षा पति अजय यादव, मुखिया देवनंदन यादव,जनार्दन यादव,दिलीप रावत,ललन सिंह, मुखिया प्रतिनिधि सोनू सिंह पूर्व प्रमुख प्रतिनिधि टिकु महतो,वरिष्ठ पत्रकार रविशंकर सिंह,चंद्रशेखर आजाद,पंचायत के कई जनप्रतिनिधि व पंचायत समिति सदस्य अनिल यादव,दयानंद प्रसाद,प्रतिनिधि चंदन कुमार पूर्व प्रमुख प्रतिनिधि मनोज यादव,सीपीआई के सुनील कुमार सिंह,काग्रेस के अखिलेश पासवान सहित कई लोगो ने शोकाकुल परिवार से मिलकर ढाढस बंधाया और सान्त्वना दी। पूर्व विधायक प्रतिनिधि जोगन यादव को बिहार सरकार के मंञी अशोक चौधरी ने भी मोबाइल पर दुख की घडी मे साथ रहने और धैर्य व साहस से काम लेने की सान्त्वना दिया। बता दे कि दोस्त की बारात जाने के लिए दोनो दोस्त हाबुनगर गांव से पकरीबरावा अपने बूलेट बाईक से जा रहा था तभी विपरीत दिशा से आ रही एक अनियंत्रित पिक अप ने सीधी टक्कर मार दी जिससे दोनो युवक की मौत घटना स्थल पर ही हो गया था।
चिहरा पुलिस ने चलाया वाहन जांच,वसूला जुर्माना
चकाई प्रखंड के चिहरा थाना पुलिस ने थानाध्यक्ष कुंज बिहारी कुमार के नेतृत्व में शनिवार को चकाई -गिरिडीह मुख्य मार्ग में कपरीडीह मोड़ के समीप यातायात नियमों की अनदेखी को लेकर अवर निरीक्षक दीपक कुमार ने सघन वाहन जांच अभियान चलाया।इस दौरान दोपहिया, चार पहिया वाहनों को आते जाते रोककर उनके डिक्की, टूल बॉक्स एवं वाहन से जुड़े कागजातों आदि की सघनता से जांच की गयी।इस दौरान पुलिस ने वाहन चालकों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाया। थानाध्यक्ष श्री कुमार ने बताया कि चकाई-गिरिडीह मुख्य मार्ग में कपरीडीह मोड़ के पास दो पहिया एवं चार पहिया वाहन को रोककर जांच की गई। इस दौरान वाहन के कागजात ,ड्राइविंग लाइसेंस,इंश्योरेंस पेपर आदि की जांच की गई।वाहन चालकों को सभी कागजात को अप टू डेट रखने का निर्देश दिया ।हेलमेट नहीं पहनने वाले, सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले वाहन चालकों से 14 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया साथ ही चेतावनी देकर यातायात नियमों के अनुसार वाहन चलाने का अनुरोध किया गया। उन्होंने बताया कि वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर थाना क्षेत्र में प्रतिदिन सघन वाहन जांच अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने परेशानी से बचने एवं सुरक्षित यात्रा को लेकर दोपहिया एवं चार पहिया वाहन चालको से वाहनों से संबंधित सभी कागजात साथ रखने एवं यातायात नियमों का पालन करने पर जोर दिया।
नाला का पता नही सडक पर बह रहा नाला का गंदा पानी ,नारकीय जीवन जीने को विवश अलीगंज बाजार वासी।
अलीगंज। सरकार के सात निश्चय योजना मे नल जल सबसे प्रमुख योजनाओ मे है। लेकिन जमुई जिले के इस्लामनगर अलीगंज प्रखंड अंतर्गत अलीगंज पंचायत के अलीगंज अंदर बाजार जाने वाली एक माञ मुख्य सङक है।जो इस भीषण गर्मी मे भी सडक पर खुलेआम नाला का गंदा पानी बह रहा है। नाला का पता नही है।जबकि वित्तिय वर्ष 15 वी वित से वर्ष 2223 मे लगभग 18 लाख की लागत से नाला व ढक्कन के साथ निर्माण कार्य कराया गया था। जिसके संवेदक पंचायत सचिव जनार्दन सिंह थे। जो पुराने नाला को ही रिपेयरिंग कर नये नाला व कवर की राशि निकाल कर गबन कर लिया गया था। जिसकी खबर भी दैनिक भास्कर ने प्रकाशित किया था। और तत्कालीन डीएम अभिलाषा शर्मा ने जांच का आदेश दिया था।लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक पहल नही हुई। नतीजतन अलीगंज बाजार वासी नारकीय जीवन जीने को विवश है। यह गली नाला वर्षो से जर्जर अवस्था मे है।और नाला का गंदा पानी खुले सड़क पर बह रहा है। जो पैदल चलने लायक नही है। लोग इस रास्ते से एक बार जाने के बाद दोबारा जाना नही चाहता है। नाला का गंदा पानी इस भीषण गर्म मे नारकीय बनी हुई है।तो बरसात के मौसम मे क्या हालात होगा। समाजसेवी सह शिक्षाविद शशिशेखर सिंह मुन्ना,मनोज मेहता,चंद्रशेखर आजाद,गोलु कुमार ने बताया कि यह रास्ता काफी व्यस्त रास्ता है। जो रात दिन चालू रहता है। लेकिन कूछ वर्षो से यह नारकीय बनी हूई है।और गंदगी के साथ नाला का पानी खुलेआम सडक पर बह रहा है। शिकायत के बावजूद भी जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौन बने है। ग्रामीणो ने नये जिलाधिकारी से उम्मीद जताया है इसकी जाचकर इस ज्वलंत समस्याओ से निजात दिलाया जाय। नही तो ग्रामीण आन्दोलन करने को बाध्य हो जाएगे।